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एक भारत उत्कृष्ट भारत

शिक्षा अधिकारी और शिक्षा केंद्र के डीपीसी प्राइवेट स्कूल सिंडिकेट में सम्मिलित होने का खुलासा -जबलपुर

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डिजिटल भारत I प्राइवेट स्कूल फीस वसूली और बुक, ड्रेस, फिक्सिंग के मामले में लगातार पोल खोली जा रही है स्कूल संचालक सिंडिकेट बनाकर फीस वृद्धि से लेकर पुस्तक बदलना, ड्रेस बदलने और तो और स्कूल में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने आदि में अभिभावकों से अवैध वसूली को लेकर एक नई नई बात सामने आ रही है इन सभी मामलों का कमीशन जिले के जिला शिक्षा अधिकारी घनश्याम सोनी, जिला शिक्षा केंद्र के जिला समन्वयक डीपीसी “योगेश शर्मा” को भी पहुंचता था। प्राइवेट स्कूलों के सिंडिकेट में न केवल जिले स्तर पर बलिक राजधानी स्तर पर डीपीआई एवं प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा को भी इसका हिस्सा बराबरी से पहुंचता है। इसके साथ-साथ शिक्षा का अधिकार (आरटीई) में प्रत्येक निजी स्कूलों में 25% बच्चों के आवंटन में भी डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कर फर्जी बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति प्रतिवर्ष स्कूलों को उनके खातों में डाली जाती थी। जो लाखो रुपए हुआ करते है।2015 से लगातार जिला शिक्षा केंद्र में डीपीसी शिक्षा के अधिकार (आरटीई) के अंतर्गत एक ही प्रबंधक के द्वारा चलाए जा रहे एक से अधिक स्कूलों में बहुत आसानी से डबल डबल बच्चों की फीस प्रतिपूर्ति कर डीपीसी के द्वारा अवैध वसूली कमीशन के रूप में की जाती रही है। आश्चर्य की बात यह है कि डीपीसी अकेला नहीं जिला पंचायत की सीईओ एवं जिले के कलेक्टर एवं मिशन संचालक के हस्ताक्षर से ही राशि स्कूलों के खाते में जमा की जाती है। मतलब सीधा साफ है की, डीपीसी जिला पंचायत की सीईओ एवं कलेक्टर को अंधेरे में रखकर प्राइवेट स्कूलों से आरटीई को लेकर डार्क में रख कर किया करते थे। इसी सैटिंग के चलते कभी इन अधिकारियों के द्वारा इन निजी स्कूलों का निरीक्षण भी नहीं किया गया और ना ही शासन के आदेशों निर्देशो से निजी स्कूलों को अवगत कराया गया। हर महीने प्राइवेट स्कूलों से मोटी रकम लेकर अपना उल्लू सीधा करते रहे। इस बाबत कई शिकायत है, डीपीसी की न केवल कलेक्ट्रेट में बलिक शासन में तथा साथ-साथ लोकायुक्त एवं पुलिस अधीक्षक एवं आर्थिक अपराध (SP EOW) को भी की जाती रही है किंतु किसी के भी कान में “जू नहीं रेगी” जब आज वर्तमान कलेक्टर एवं मिशन संचालक स्वयं “दीपक सक्सेना” ने सब की आंखें खोल दी। तो राज्य स्तर पर उनका सम्मान कर दिया गया और पूरे प्रदेश में जबलपुर की नजीर देते हुए निजी स्कूलों पर गाज गिराई जा रही है। अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग जिला शिक्षा अधिकारी एवं जिला परियोजना समन्वयक पर कठोर दंडात्मक कार्रवाई करने की मांग “अखिल भारतीय मजदूर अधिकार संगठन” ने जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना एवं पुलिस अधीक्षक आदित्य प्रताप सिंह से ज्ञापन के माध्यम से की है संगठन के अध्यक्ष गुरविंदर सिंह चड्ढा ने आरोप लगाया है कि जिला शिक्षा अधिकारी की लापरवाही की वजह से फीस वसूली और बूक कमीशन खोरी बड़े पैमाने पर हुई है इस मामले में शिक्षा विभाग की भूमिका संदिग्ध है इसलिए अधिकारियों की भी जांच की जानी चाहिए।*

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जाने जबलपुर क्या है जबलपुर में खास

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डिजिटल भारत i भेड़ाघाट को संगमरमरीय सौंदर्य और शानदार झरनों के लिए ही जाना जाता है, साथ ही धुआंधार जलप्रपात चमकती हुई मार्बल की (संगमरमर की) 100 फीट ऊंची चट्टनों के लिए भी पर्यटकों के बीच प्रसिद्ध है। नर्मदा नदी इन संगमरमर की चट्टानों के मध्य से धीरे-धीरे बहती है और थोड़ी दूर जाकर धुंआधार के रूप में प्रसिद्ध एक झरने में मिल जाती है।

भेड़ाघाट जबलपुर शहर में है। यह शहर भारत के ह्रदय राज्य मध्यप्रदेश का खूबसूरत पर्यटन स्थल है। कुदरती खूबसूरती के साथ इतिहास का परिदृश्य इस स्थल को खास बनाने का काम करता है। माना जाता है कि इस भूमि पर इंसान ने अपने कदम 300 ईसा पूर्व के बाद रखे थे।

मध्य प्रदेश के जबलपुर के भेड़ाघाट-लम्हेटाघाट को यूनेस्को ने विश्व धरोहर की संभावित सूची में जोड़ लिया है। ये पहली कामयाबी है, अभी चार और कठिन चरण पार करने होंगे। जिसके बाद ही विश्व धरोहर के तौर पर पहचान मिलेगी। इसमें कितना वक्त लगेगा यह साफ नहीं है।
जबलपुर नगरी कभी गढ़ा गोंडवाना, तो कभी त्रिपुरी के नाम से विख्यात रही। यहां कई कलचुरि राजा हुए, जिन्होंने हिमालय से लेकर सागर के तट तक समस्त राज सत्ताओं को त्रिपुरी के अधीन कर दिया था।

मदन महल किला: यह जबलपुर में एक आकर्षण स्थल है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और सुंदर दृश्यों के लिए जाना जाता है। किले से शहर का मनोहर नजारा देखने को मिलता है।
ग्वारीघाट: जबलपुर में यह घुमने वाली जगह अपनी धार्मिक महत्वता और शांत वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा नदी के किनारे स्थित इस घाट पर शाम की आरती देखने को मिलती है।
चौसठ योगिनी मंदिर: यह जबलपुर में एक प्रमुख भ्रमण स्थान है, जो अपने ऐतिहासिक महत्व और वास्तुकला के लिए जाना जाता है। मंदिर में 64 योगिनियों की मूर्तियाँ हैं।
धुआंधार जलप्रपात: जबलपुर में यह पर्यटन स्थल अपनी अद्भुत सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा नदी के ऊपर स्थित यह जलप्रपात अपने धुएँ के समान फैलते पानी के लिए विख्यात है।
बैलेंसिंग रॉक: जबलपुर में यह टूरिस्टिक स्थल प्राकृतिक चमत्कार का एक उदाहरण प्रस्तुत करता है। यहाँ के चट्टानों का संतुलन देखने लायक है।
डुमना नेचर रिजर्व पार्क: यह जबलपुर में एक दर्शनीय स्थल है, जहाँ प्रकृति और वन्यजीवन का संगम देखने को मिलता है। पार्क में विविध प्रकार के पेड़-पौधे और जीव-जंतु हैं।
बरगी बांध: जबलपुर के इस यात्रा स्थल पर पानी की विशालता और शांति का अनुभव करें। बरगी बांध बोटिंग और पिकनिक के लिए एक प्रसिद्ध पर्यटकों का स्थल है।
रानी दुर्गावती संग्रहालय: इतिहास और कला के प्रेमियों के लिए जबलपुर में यह दर्शनीय स्थल एक महत्वपूर्ण आकर्षण है। संग्रहालय में रानी दुर्गावती के जीवन और वीरता की झलक मिलती है।
संग्राम सागर झील: जबलपुर की इस रोमांचक यात्रा स्थल पर प्राकृतिक सौंदर्य और शांति का आनंद उठाएं। झील का वातावरण पिकनिक और आराम के लिए उत्तम है।
हनुमंतल जैन मंदिर: जबलपुर में स्थित यह आकर्षण स्थल धार्मिक महत्व रखता है और जैन समुदाय के लिए एक पवित्र स्थान है। मंदिर की वास्तुकला और शांत वातावरण यात्रियों को आकर्षित करते हैं।
गुरुद्वारा ग्वारीघाट साहिब: नर्मदा नदी के किनारे स्थित, जबलपुर में यह भ्रमण का स्थान आध्यात्मिक शांति और संस्कृति का संगम प्रदान करता है। यहाँ का वातावरण भक्तिमय और प्रेरणादायक है।
पिसनहारी की मडिया: जबलपुर के इस पर्यटन आकर्षण में जैन धर्म की गहराई और ऐतिहासिक महत्व को देखा जा सकता है। यह जगह शांति और ध्यान के लिए आदर्श है।
तिलवाड़ा घाट: जबलपुर में यह पर्यटन स्थल महात्मा गांधी की अस्थियों को विसर्जित करने के लिए प्रसिद्ध है। इस अवलोकन स्थल से नर्मदा नदी का मनोहर दृश्य देखा जा सकता है।
भवारतल उद्यान: जबलपुर के इस भ्रमण स्थल पर विभिन्न प्रकार की स्लाइड्स, झूले और खिलौना ट्रेनें हैं। उद्यान योग और फिटनेस सत्रों के लिए लोकप्रिय है।
श्री विष्णु वराह मंदिर: जबलपुर में स्थित, यह धार्मिक स्थल भक्तों के लिए एक शांतिपूर्ण जगह है। मंदिर में भगवान विष्णु की आदमकद मूर्ति है।
भेड़ाघाट: यह पर्यटन आकर्षण नर्मदा नदी के किनारे स्थित है और संगमरमर की चट्टानों के लिए प्रसिद्ध है। यहां नाव की सवारी और चांदनी रात में दृश्य विशेष रूप से मनमोहक होते हैं।
कचनार सिटी शिव मंदिर: जबलपुर में यह टूरिस्ट स्पॉट 76 फुट ऊँची शिव मूर्ति के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर अपने धार्मिक महत्व और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है।

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हस्ताक्षर के पहले लगाई जायेगी मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही, इंकार करने पर मतदान नहीं करने दिया जायेगा

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डिजिटल भारत l भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के मुताबिक विधानसभा चुनाव में मतदान केन्द्र पर वोट डालने पहुंचे
मतदाता की बायीं तर्जनी पर अमिट स्याही का निशान मतदाता रजिस्टर पर उसके हस्ताक्षर करने के पहले लगाया
जायेगा। ऐसा इसलिए किया जायेगा ताकि मत देने के बाद मतदाता के मतदान केन्द्र छोड़ने तक अमिट स्याही को
सूखने और एक सुस्पष्ट अमिट चिन्ह बनने के लिए पर्याप्त समय मिल जाये। मतदाता की अंगुली पर अमिट
स्याही नाखून से लेकर अंगुली के पहले पोर तक लगायी जायेगी।
निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार अमिट स्याही लगाने के पहले मतदान अधिकारियों द्वारा मतदाता की बायीं
तर्जनी का निरीक्षण भी किया जायेगा। यदि निरीक्षण में यह देखने में आता है कि किसी मतदाता ने अमिट स्याही
के चिन्ह को प्रभावहीन करने के लिए अपनी अंगुली पर तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ लगा लिया है तो मतदान
अधिकारी द्वारा उस मतदाता की अंगुली पर अमिट स्याही का चिन्ह लगाने के पहले किसी कपड़े के टुकड़े की
सहायता से ऐसा तैलीय या चिकनाईयुक्त पदार्थ को हटा दिया जायेगा ।
आयोग के निर्देशों में मतदान अधिकारियों से स्पष्ट कहा गया है कि यदि कोई मतदाता निर्देशों के
विपरीत अपनी बायीं तर्जनी का निरीक्षण करने या अमिट स्याही लगाने से इंकार करे या उसकी बायीं तर्जनी पर
ऐसा कोई चिन्ह पहले से ही हो अथवा वह स्याही को हटाने की दृष्टि से कोई भी कृत्य करे तो उसे मत देने के
लिए अनुमति नहीं दी जाये।
आयोग ने यह भी कहा है कि मतदाता को अपना मत रिकार्ड करने के लिए मतदान कक्ष में जाने की अनुमति
देने के पहले नियंत्रण यूनिट के प्रभारी मतदान अधिकारी द्वारा भी उसकी अंगुली की दुबारा जांच की जानी चाहिए।
यदि मतदाता ने स्याही को हटा दिया है या स्याही का चिन्ह अस्पष्ट है तो उसकी बायीं तर्जनी पर दुबारा अमिट
स्याही का चिन्ह लगा दिया जाये।
आयोग के मुताबिक मतदान कर चुके मतदाता की पहचान के लिए अमिट स्याही का चिन्ह मतदाता की
बायीं तर्जनी की अंगुली पर लगाया जायेगा। लेकिन यदि किसी मतदाता की बायीं तर्जनी न हो तो अमिट स्याही
उसकी ऐसी किसी भी अंगुली में लगाई जायेगी जो उसके बायें हाथ में हो । यदि उसके बाये हाथ में कोई भी अंगुली
न हो तो स्याही उसकी दायें हाथ की तर्जनी पर लगाई जायेगी और यदि उसके दायें हाथ की तर्जनी भी न हो तो
उसकी दायीं तर्जनी से प्रारंभ करते हुए उसके दायें हाथ की किसी भी अन्य अंगुली पर स्याही लगाई जायेगी ।
परन्तु यदि किसी मतदाता के किसी भी हाथ में कोई भी अंगुली न हो तो स्याही उसके बायें या दायें हाथ के ऐसे
सिरे (ठूंठ) पर जो भी उसके हो लगायी जायेगी।

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125वर्षों से भी ज्यादा का है मनकेडी चंडी मेले का इतिहास, मुस्लिम परिवार द्वारा निभाई जा रही परंपरा

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डिजिटल भारत l हिंनदोस्तान गंगा जमिनी तहजीब के लिए विख्यात यूं ही नहीं माना जाता यहां पर बसने वाले ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी तहजीब की महक बरकरार है जिसमें धर्म से ऊपर इंसानियत और भाईचारे को माना जाता है प्रेम सौहार्द ही जिनके लिए सबसे बड़ा धर्म है। ऐसा ही कुछ बरगी नगर के छोटे से ग्राम मनकेडी में पिछले 100 वर्षों से भी ज्यादा लंबे समय से देखने मिल रहा है जहां 99.9% हिंदू आबादी के बीच में रहने वाला रहने वाला एक मुस्लिम परिवार अपने बाप दादा के समय से इस परंपरा को बखूबी निभा रहे हैं और अपने पुरखों की इस रवायत को आज भी नई पीढ़ियां निभा रही हैं।

✳️ भाई दूज पर भरता है प्रेम का मेला मनकेडी ग्राम के ग्राम प्रमुख हफीज खान मालगुजार ने बताया कि दीपावली के भाई दूज के अवसर पर हमारे गांव में पिछले 125 वर्षों से भी ज्यादा समय से हमारे परिवार के स्वर्गीय खुदा बख्श, स्वर्गीय शेख कल्लू तथा स्वर्गीय शेख अहमद खान मालगुजार द्वारा ग्राम में भाई दूज के अवसर पर आपसी प्रेम के लिए चण्डी मड़ई मेले का आयोजन किया जाता रहा है जिसे हम भी उसी परंपरा के अनुसार इसका निर्वहन कर रहे हैं।

✳️ दर्जन भर गांवों को भेजते हैं न्योता ग्राम के (बैगा) पंडा प्रहलाद आदिवासी तथा सूरज आदिवासी ने बताया कि मालगुजार परिवार द्वारा चंडी मेला कार्यक्रम के लिए आसपास के दर्जन भर ग्राम सहजपुरी,चौरई, रीमा, नयागांव, टेमर गुल्ला पाठ, भोंगा तथा हरदुली ग्रामों के ग्राम प्रमुख को हल्दी चावल तथा सुपारी भेज कर पारंपरिक न्योता दिया जाता है । तत्पश्चात ग्राम की ग्वालटोली द्वारा शाम 4:00 बजे मालगुजार परिवार के घर पहुंच कर नाचते गाते हुए समूचे गांव के साथ मालगुजार परिवार के प्रमुख को लेकर ग्वालटोली मेला स्थल तक पहुंचती है यहां पर पूरी विधि विधान से चंडी माता की पूजा अर्चना के बाद ग्राम के बैगा द्वारा मढईको ब्याहने की प्रक्रिया पूरी की जाती है और इस तरह से सभी मेले में शामिल होते हैं।

✳️पान खिलाकर होता है स्वागत आसपास के गांव से आमंत्रित की गई सभी ग्वालटोलियों को मेला स्थल में पहुंचने के बाद पान खिलाकर स्वागत किया जाता है तथा मालगुजार परिवार द्वारा विशेष नृत्य प्रस्तुति पर सभी ग्वालटोलियों को सम्मान स्वरूप प्रसाद और बख्शीश (पुरस्कार) हर टोली को दी जाती है तथा आसपास के सभी आमंत्रित अतिथि गणों को पान खिलाकर स्वागत किया जाता है इस अवसर पर ग्राम के दिमाग प्रसाद, डुमारी लाल सोनी ,डुमारी लाल झरिया, प्रहलाद आदिवासी, विमल नेताम, रामाधार आदिवासी, संतोष आदिवासी, सूरज प्रसाद, कृपाल आदिवासी, भूरा झरिया, रोशनी झरिया मुकेश तथा समस्त ग्रामीण का विशेष सहयोग रहता है

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मतदाता जागरूकता रैली संपन्न

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बरगी नगर :– संकुल केंद्र में आज स्कूली बच्चों के साथ मतदाता को जागरूक करने हेतु रैली संकुल प्राचार्य श्रीकिसन रायखेड़े के नेतृत्व में निकाली गई जिसमें आसपास के ग्रामीण के साथ समस्त शिक्षक स्टाफ, समस्त बीएलओ और पंचायत कर्मी मौजूद रहे संकुल सह समन्वयक विपिन विश्वकर्मा ने बताया कि, 17 नवंबर के विधानसभा चुनाव में शत प्रतिशत मतदान हो जिसके चलते जागरुकता रैली नगर के विभिन्न मार्गो से होते हुए विभिन्न नारे जैसे सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट के नारों के साथ ग्रामीणों को निर्भीक होकर मतदान करने का आव्हान किया गया है रैली के पश्चात सभी को शाला परिसर में मतदान करने की भी शफत दिलाई गई मतदान अनिवार्य के इस कार्यक्रम में सभी स्कूली बच्चों के साथ सेक्टर अधिकारी विवेक तिवारी, संकुल प्राचार्य श्रीकृष्ण रायखेड़े, एडीओ अनिल झरिया, जनपद सदस्य अशोक पटले, संकुल समन्वयक विपिन विश्वकर्मा, इग्नाशी मरकाम, सीमा मिश्रा, राजकुमार नेमा, सुषमा मालगाम, शिवकुमार शर्मा, नरेश कुशवाहा, सुखराम काकोड़िया, सोनू साहू सहित समस्त शिक्षक स्टाफ, बीएलओ देवेन्द्र पटेल, मनीष तिवारी, संतोष पटेल, रोहणी झारिया सचिव रामदीन पटेल विभिन्न पंचायत के कर्मचारी सहित ग्रामीणों की उपस्थित इस कार्यक्रम में रही ।

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राहुल सोनी बने ब्लॉक महामंत्री युवा कांग्रेस महामंत्री

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कटनी डिजिटल भारत न्यूज़।

मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस द्वारा पार्टी को मजबूत करने पार्टी के कार्यकर्ताओं को अहम जिम्मेदारी देकर आगामी विधानसभा चुनाव में जीत पर अहम भूमिका निभाने के लिए युवाओं के हाथ में बागडोर शॉप रहे हैं जिसके चलते मध्य कटनी युवक कांग्रेस दिव्यांशु प्रदेश युवक कांग्रेस कमेटी द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष बी व्ही श्रीनिवास व प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया प्रदेश प्रभारी अखिलेश यादव नमई प्रधान जिला अध्यक्ष दिव्यांशु मिश्रा की अनुमति से विधायक बड़वारा विधायक राघवेंद्र सिंह की अनुशंसा पर दशरमन निवासी राहुल सोनी को ढीमरखेड़ा ब्लॉक महामंत्री युवाकांग्रेस पर नियुक्त किया गया

जिस पर मंडलम अध्यक्ष रमेश प्रसाद गर्ग एवं युवक कांग्रेस मंडलम अध्यक्ष रवि अवस्थी द्वारा नव नियुक्त ब्लॉक महामंत्री को बधाई दी गई नव नियुक्त ब्लॉक महामंत्री राहुल सोनी द्वारा बताया गया कि पार्टी द्वारा जो भी जिम्मेदारी की गई है मेरे द्वारा कर्तव्य निष्ठ से अपने पदों का निर्वहन किया जाएगा और संगठन को मजबूत करते हुए आगामी विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की जाएगी।

नव नियुक्त ब्लॉक महामंत्री राहुल सोनी

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महादेवी मां की शिला का बढ़ता है आकार

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शारदीय नवरात्र के अवसर पर कटनी और जबलपुर जिले के सीमा पर ग्राम दशरमन में विराजी महादेवी मां के मंदिर में हजारों की संख्या में भक्त मां से आशीर्वाद लेने पहुंच रहे है यह मंदिर हजारों वर्ष पूर्व का है पहले महादेवी माता एक छोटी सी पत्थर की सिला में थी लेकिन धीरे-धीरे इनका आकार बढ़ता गया और आज वह एक विशाल सिला के रूप में है जो कि आज भी ऊपर से खुली हुई है मंदिर के चारों तरफ घना जंगल पश्चिम की तरफ नदी और पहाड़ में विराजी महादेवी माता लोगों को बहुत भा रही हैं और लोग यहां पर अपनी मनोकामना पूर्ण होने की आस्था लेकर दूर-दूर से पहुंच रहे हैं बुजुर्गों ने बताया कि यहां पर पूर्व में शेर और गाय की लड़ाई हुई थी जिस के पद चिन्ह आज भी चट्टानों पर मौजूद है गाय के खुर और शेर के पंजे चट्टान पर स्पष्ट दिखाई देते हैं महादेवी समिति अध्यक्ष पंडित रमेश गर्ग ने बताया की यह काफी पुराना मंदिर है इस मंदिर से अनेकों चमत्कारी कथाएं जुड़ी हैं यह पहाड़ में होने के कारण अत्यंत रमणीक स्थान है इन्हीं कारणों से यह आस्था का केंद्र बना हुआ है

ब्रिटिश शासनकाल में बनी थी महादेवी माता की मढ़िया –


ढीमरखेड़ा तहसील के दशरमन गांव में मां महादेवी का स्थान है। यहां पर माता को लोग शिला के रूप में पूजते हैं। लगभग 25 फीट ऊंची शिला को लेकर लोगों की मान्यता है, इसका कद हर साल बढ़ता जाता है। पहले यहां पर शिला मात्र 5 से 6 फीट की थी। लगभग 200 वर्ष पुराने स्थान पर अंग्रेजी शासनकाल में बनवाई गई छोटी से मढ़िया है, जिसके निर्माण के समय दूध व खून की धारा निकली तो काम बंद कर दिया गया था। कतला नदी के किनारे बने इस स्थान पर हर साल बसंत पंचमी को मेला लगता है। मां महादेवी का स्थान ढीमरखेड़ा के जंगलों के बीच है और प्राकृतिक स्थल का आनंद उठाने भी लोग यहां पर पहुंचते हैं

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विश्व हृदय दिवस के अवसर पर विजयनगर में रैली का किया गया आयोजन

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डिजिटल भारत l दिनांक 29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा विभिन्न संस्थाओं के साथ आयोजित किए गए हैं प्रातः 7:00 बजे स्वास्थ्य विभाग एवं गोल्डन हार्ट हॉस्पिटल के सहयोग से तथा शल्बी अस्पताल विजयनगर के सहयोग से रैली का आयोजन किया गया है जिसमें विभिन्न संस्थाओं एवं स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी आम नागरिकों में हृदय रोगों के प्रति जागरूकता उत्पन्न करेंगे इसके अलावा गोल्डन हार्ट हॉस्पिटल राइट टाउन शेल्बी हॉस्पिटल विजय नगर, जिला चिकित्सालय जबलपुर, विभिन्न शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केदो एवं ग्रामीण क्षेत्रों में स्थित हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर, सामुदायिक स्वास्थ्य केदो एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केदो तथा विभिन्न अस्पतालों एवं संस्थाओं के साथ हृदय से संबंधित कैंप एवं अन्य गतिविधियां आयोजित की गई हैं सभी लोगों से अनुरोध है की इन कैंपों में आकर अपना हेल्थ चेकअप एवं हार्ड चेकअप कारण इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक उपलब्ध होंगे तथा सरकारी अस्पतालों में मुफ्त में रक्त की जांच की जाएगी तथा प्राइवेट अस्पतालों में रिबेट दरों पर जांच की सुविधा उपलब्ध होगी

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स्वच्छता सर्वेक्षण 2023 नाला-नाली सफाई हेतु विशेष अभियान

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डिजिटल भारत l निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े के निर्देशानुसार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अंतर्गत इंडियन स्वच्छता लीग 2.0 के तहत् स्वच्छता ही सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत नाला-नाली सफाई हेतु विशेष अभियान के चलते नगर निगम द्वारा संभाग क्रमांक 1 एवं संभाग क्रमांक 8 के विभिन्न वार्डो में नाला-नाली की सफाई कराई गयी। इसके साथ ही स्वच्छता मित्रों को पी.पी.ई. किट पहनकर काम करने हेतु जागरूक किया गया, जिससे की काम करते समय उनके शरीर को कोई नुकसान न पहुॅंचे। आयोजन के समय ओम सांई विजन की आई.ई.सी. टीम आदि उपस्थित रही। सफाई मित्रो का सम्मान निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े के निर्देशानुसार स्वच्छ सर्वेक्षण 2023 के अंतर्गत नगर निगम द्वारा संभाग क्रमांक 12 बाल गंगाधर तिलक वार्ड के अंतर्गत गॉंधी भवन लाइब्रेरी प्रांगण में विद्यार्थियों के द्वारा सफाई मित्रों का सम्मान किया गया। आयोजन के समय एस.आई. बलराम, सुपरवाइजर नायडू एवं ओम सांई विजन की आई.ई.सी. टीम आदि उपस्थित रही।

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‘‘इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड 2022 इंदौर‘‘ में जबलपुर ‘जबलपुर इंक्यूबेशन सेंटर‘ को मिला प्रथम स्थान

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डिजिटल भारत l भारत सरकार के आवास एवं शहरी विकास मंत्रालय द्वारा वर्ष 2022 के लिए ‘‘इंडिया स्मार्ट सिटी अवॉर्ड इंदौर’’ आयोजित किया गए थे, जिसमे सभी 100 स्मार्ट सिटी के द्वारा हिस्सा लिया गया था। पुरस्कार वितरण का कार्यक्रम महामहिम राष्ट्रपति महोदया श्रीमती द्रोपदी मुर्मू जी के मुख्य आतिथ्य में आज दिनांक 27 सितंबर 2023 को इंदौर शहर में आयोजित किया गया। जबलपुर स्मार्ट सिटी के इनक्यूबेशन सेंटर को इकनॉमी कैटेगरी में देश मे प्रथम स्थान दिया गया हैं। यह पुरुस्कार समारोह मीनिस्टरी ऑफ हाउसिंग अरबन अफेयर्स के केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विशेष आतिथ्य में संपन्न हुआ।
जबलपुर स्मार्ट के इंक्युबेशन सेंटर को अर्थव्यवस्था श्रेणी में उनकी उपलब्धियों के लिए पुरस्कृत किया गया है, क्योंकि उसने नए उद्यमिता को प्रोत्साहित करने और शहर में आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। केंद्र ने उत्कृष्ट उद्यमियों को उद्यमिता की भावना के लिए एक उपयुक्त माहौल, मेंटरशिप और संसाधन प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है ताकि वे अपने नवाचारी विचारों को सफल व्यवसायों में बदल सकें। स्टार्टअप्स को प्रोत्साहित करके और नवाचार को बढ़ावा देने के द्वारा, जबलपुर स्मार्ट सिटी ने न केवल स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिलाया है, बल्कि उसने मध्य भारत में उभरते व्यवसायों के लिए एक केंद्र के रूप में खुद को स्थापित किया है। यह सेंटर 2019 से स्थापित है एवं विगत चार वर्षों से लगभग 350$ स्टार्टअप लाभान्वित हुए है तथा 1000$ रोजगार सृजन हुए है। भारत सरकार द्वारा स्टार्टअप इंडिया सीड फंड का तीन करोड़ का अनुदान भी प्राप्त हुआ है जिसे उद्यमियों मे वितरित किया जा रहा है।
यह पुरस्कार के अथक प्रयासों और जबलपुर की जीवंत उद्यमिता की दिशा में है। हम स्टार्टअप्स का समर्थन करने और हमारे शहर की आर्थिक प्रगति में योगदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसके साथ ही शहर को दूसरा पुरस्कार सिटी ऐप के सफल संचालन के लिए दिया गया जिसमे गवर्नेंस कैटेगरी मे तृतीय स्थान मिला। सिटी ऐप, जिसका उद्देश्य नागरिकों और स्थानीय प्राधिकृत अधिकारियों के बीच संवाद को सुगम बनाना है, ने शहरी सरकार के साथ नागरिकों के बीच के संवाद को क्रांतिकारी तरीके से बदल दिया है। यह ऐप नागरिकों के लिए मुद्दों की रिपोर्ट करने, जानकारी खोजने, शिकायत दर्ज करने और फीडबैक प्रदान करने के लिए एक-स्थान एक समाधान के रूप में कार्य करता है।
स्मार्ट सिटी जबलपुर के सीईओ चंद्र प्रताप गोहल, सहायक आयुक्त संभव अयाची एवं ई गवर्नेंस मैनेजर गजेंद्र सिंह, जी.आई.एस. एक्सपर्ट बालेंद्र शुक्ला एवं योगेश भालेराव ने ये अवार्ड प्राप्त किये। इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन, स्मार्ट सिटी के कार्यपालिक निदेशक एवं निगमायुक्त स्वप्निल वानखड़े, स्मार्ट सिटी सीईओ चंद्र प्रताप गोहल ने शहर के नागरिकों को बधाई दी एवं इसका श्रेय नगरवासियों को देते हुए कहा कि सभी के सहयोग से ही जबलपुर ने यह सफलता अर्जित की है।

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