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नई दिल्ली कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस की सफलता के बाद अब सियासी दल 2024 की तैयारियों में जुट गए हैं। एक तरफ बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ऐंटी-बीजेपी मोर्चा बनाने की संभावनाओं पर मंथन कर रहे हैं। विपक्षी दलों की बैठक 12 जून को पटना में होने वाली है। इस बीच, भाजपा के ‘चाणक्य’ अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की सक्रियता से नए समीकरण की चर्चा तेज हो गई है। जी हां, सुप्रीमो और आंध्र के पूर्व सीएम एन. चंद्रबाबू नायडू ने शनिवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से दिल्ली में मुलाकात की। आंध्र प्रदेश में अगले साल के शुरुआती महीनों में ही चुनाव हैं और उसके मद्देनजर 50 मिनट की यह बैठक काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है। कर्नाटक में कांग्रेस की प्रचंड जीत के बाद बीजेपी को मिशन साउथ पर फिर से विश्लेषण के लिए मजबूर होना पड़ा है। शायद पुराने साथियों के साथ गठजोड़ बनाने की पहल उस दिशा में एक बड़ा कदम है।

नायडू से मुलाकात के दौरान शाह ने क्या बात की, इसके बारे में जानकारी नहीं मिली है। लेकिन इतना जरूर है कि इस मुलाकात को लंबे समय बाद फिर से गठबंधन या कहें कि संबंध सुधारने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले नायडू बीजेपी से दूर हो गए थे। उसके बाद शाह और नायडू की यह पहली मुलाकात है। समझा जा रहा है कि दोनों नेताओं ने स्टेट पॉलिटिक्स पर बात की है। नायडू जी20 पर एक बैठक के सिलसिले में दिल्ली आए हुए हैं और वह आज पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिल सकते हैं।टीडीपी के पूर्व सांसद सुजाना चौधरी और सीएम रमेश अब बीजेपी के साथ हैं। वे दोनों पार्टियों को फिर एक साथ लाने की कोशिशों में लगे हैं। सूत्रों ने हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि नायडू और शाह ने आने वाले विधानसभा चुनाव में संभावित गठबंधन पर चर्चा की। नायडू रात को 8 बजे पहुंच गए थे और दोनों नेता चर्चा कर रहे थे तभी नड्डा भी पहुंच गए। बताया गया है कि नायडू ने न केवल आंध्र बल्कि तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव भी मिलकर लड़ने पर चर्चा की है। नायडू के साथ उनकी पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेता भी इस बैठक में शामिल थे।

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