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डिजिटल भारत l कोरोना महामारी के बाद दुनिया पर एक और महामारी का खतरा मंडरा रहा है। यह बीमारी कोरोना से 100 गुना अधिक घातक साबित हो सकती है। ग्लोबल एक्सपर्ट्स बर्ड फ्लू महामारी की आशंका जता रहे हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है कि यह कोविड-19 संकट से कहीं अधिक विनाशकारी हो सकती है। खास बात है कि इस महामारी में H5N1 स्ट्रेन विशेष रूप से गंभीर खतरा पैदा कर सकता है। हालिया ब्रीफिंग के अनुसार, वायरस रिसर्चर्स ने संकेत दिया है कि H5N1 एक वैश्विक महामारी को बढ़ाने के लिए ‘खतरनाक रूप से करीब’ पहुंच रहा है।

पिछले साल 23 देशों से बर्ड फ्लू के 882 मामलों के साथ मानव मामले भी सामने आए हैं, जिससे मृत्यु दर 52 फीसदी हो गई है। हालांकि, अभी तक कोविड-19 की उत्पत्ति अनिश्चित बनी हुई है। इसे बर्ड फ्लू के जैसा बताया जा रहा है, क्योंकि दोनों की उत्पत्ति जूनोटिक स्पिलओवर से हुई है, जहां वायरस पशुओं से मनुष्य में फैलता है। हालांकि, बर्ड फ्लू का मानव से मानव संचरण नहीं हुआ है, लेकिन फिर भी विश्व स्वास्थ्य संगठन ने बर्ड फ्लू को खतरा बताया है।

क्यों होता है H5N1 का संक्रमण
स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, प्रभावित क्षेत्र में H5N1 का संक्रमण तेजी से बढ़ने का खतरा हो सकता है। घरेलू मुर्गीपालन वाले स्थानों पर ये आसानी से फैल सकता है। यह रोग संक्रमित पक्षी के मल, नाक के स्राव या मुंह या आंखों से निकलने वाले स्राव के संपर्क से मनुष्यों में फैलता है। इसके अलावा अधपके मांस खाने से भी बीमारी का खतरा हो सकता है, पर इसके मामले कम देखे जाते रहे हैं।
डेथ रेट कितनी है?
H5N1 मृत्यु दर विश्व स्वास्थ्य संगठन ने 2003 से एकत्र किए गए आंकड़ों के आधार पर H5N1 के लिए मृत्यु दर 52 प्रतिशत होने का अनुमान लगाया है। इसके विपरीत, व्यापक H5N1 प्रकोप की संभावित गंभीरता पर जोर देते हुए, कोविड -19 की मृत्यु दर काफी कम है। 2020 के बाद से हाल के मामलों से पता चलता है कि H5N1 के नए स्ट्रेन से संक्रमित लगभग 30 प्रतिशत व्यक्तियों की मृत्यु हो गई है। जैसे-जैसे स्थिति सामने आ रही है, वाइट हाउस और हेल्थ एक्सपर्ट सतर्कता और तैयारी बढ़ाने का आग्रह कर रहे हैं। वाइट हाउस के प्रेस सचिव ने जनता को आश्वासन दिया कि अमेरिकियों का स्वास्थ्य और सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है। बर्ड फ्लू के प्रकोप की निगरानी और समाधान के लिए उपाय किए जा रहे हैं।

तात्कालिक हेल्थ रिस्क के अलावा, H5N1 के प्रसार का व्यापक आर्थिक प्रभाव है। विशेषकर डेयरी और पोल्ट्री उद्योगों पर। संक्रमित मवेशियों में लक्षण दिखने और संक्रमित पक्षियों को मारने की आवश्यकता के साथ, दूध और अंडों की आपूर्ति और मूल्य निर्धारण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ सकता है।
एक्सपर्ट्स ने दी चेतवानी

पिट्सबर्ग में एक प्रमुख बर्ड फ्लू रिसर्चर डॉ. सुरेश कुचिपुड़ी ने चेतावनी दी कि H5N1 में महामारी पैदा करने की क्षमता है, क्योंकि यह मनुष्यों सहित कई स्तनधारियों को संक्रमित करने की क्षमता रखता है. कनाडा स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी बायोनियाग्रा के फाउंडर जॉन फुल्टन ने भी इस वायरस को लेकर चिंता जताई. उन्होंने H5N1 पर कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि यह कोविड से 100 गुना अधिक ख़राब है या यह तब हो सकता है, जब यह म्यूटेट हो और अपनी उच्च मृत्यु दर को बनाए रखे.

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