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लखनऊ उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों की राजनीति को साधने के लिए लगातार कवायद चल रही है। यूपी की 80 लोकसभा सीटों पर जीत के लिए भारतीय जनता पार्टी की ओर से रणनीति तैयार की जा रही है। मिशन 80 लांच किया जा चुका हैद्ध पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा और सीएम योगी आदित्यनाथ समेत तमाम नेता मिशन को पूरा करने की कोशिश में जुट गए हैं। वहीं, विपक्ष भी इस बाहर कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहता है। समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव समीकरणों को साध कर इस बार भाजपा को कड़ी टक्कर देने के मूड में है। भाजपा के सामने एकमात्र विपक्षी दल के रूप में समाजवादी पार्टी को स्थापित करने की कोशिश कर रहे हैं। इस प्रकार की स्थिति को देखते हुए भाजपा ने अपनी रणनीति को मांजना शुरू कर दिया है। सबसे बड़ी कोशिश पार्टी को अपने कोर वोट बैंक के बीच मजबूत करने की है। सवर्ण- ओबीसी गठजोड़ को साधने की कोशिश एक बार फिर शुरू हो गई है। इस आजमाए फॉर्मूले को यूपी की पॉलिटिक्स में स्थापित करने के लिए पार्टी की ओर से दिल्ली में बैठकों का दौर शुरू हो गया है। भूपेंद्र सिंह चौधरी और ब्रजेश पाठक के दिल्ली दौरे को इसी नजरिए से देखा जा रहा है।

भाजपा की ओर से वोट बैंक को भी साधने की कोशिश हो रही है। ब्रजेश पाठक के दिल्ली दौरा को इसी नजरिए से देखा जा रहा है। दावा यह भी किया जा रहा है कि यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक को किसी एक अहम राज्य की जिम्मेदारी दी जा सकती है। जहां वे चुनावी गणित तैयार करेंगे। इसका सीधा असर यूपी की ब्राह्मण राजनीति पर पड़ने वाला है।

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