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ऑस्ट्रेलिया । टेस्ट क्रिकेट में टॉस जीतने का एक नजरिया होता है- दूसरी टीम को बैटिंग देने के बारे में सोचे और फिर खुद बल्लेबाजी चुन लें। भारत ने टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल अश्विन को शामिल नहीं करके और फिर ऑस्ट्रेलिया को बल्लेबाजी के लिए बुलाकर एक साथ दो बड़ी गलतियां कर दी। फिर क्या हुआ ऑस्ट्रेलिया के हाथों करारी हार। ऐसा नहीं है कि अगर अश्विन खेलते और भारत पहले बल्लेबाजी करता तो जीत मिलती। लेकिन इससे मैच और भी बराबरी का हो जाता, जैसा कि एशेज के पहले टेस्ट में हुआ था।

टॉस की तरह ही पाकिस्तान के साथ फिर से क्रिकेटिंग रिश्ते शुरू करने पर भी फैसला करना है। उसी तरह सोचें और फिर सामान्य रिश्ते की ओर आगे बढ़ें। क्रिकेट फिर से शुरू करने से नुकसान से ज्यादा फायदे दिखते हैं। सुरक्षा को लेकर चिंताएं सही हैं, खासकर जब कोई टीम पाकिस्तान का दौरा करती है। नवंबर 2008 में पाकिस्तान के आंतकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने मुंबई के ताज होटल पर हमला किया था। कुछ ही महीनों बाद मार्च 2009 में पाकिस्तान दौरे पर श्रीलंका क्रिकेट टीम की बस पर हमला किया गया। इसने पूरी दुनिया को हैरान करके रख दिया। इससे सभी टीमों ने पाकिस्तान दौरा रद्द कर दिया। लेकिन अब धीरे-धीरे पाकिस्तान में क्रिकेट वापस लौट रहा है। पिछले दो सालों में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड जैसी टीमें भी पाकिस्तान पहुंची हैं।अब भारत और पाकिस्तान के मुकाबलों को भी शुरू करने का समय आ गया है, जिसके सामने प्रतिद्वंद्विता में एशेज जैसी सीरीज भी फेल है। 75 साल के इतिहास में पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था अपने सबसे निचले और भारत की उच्चतम स्तर पर है। पाकिस्तान ऐसी स्थिति में है जहां आईएमएफ से भी लोन नहीं ले पा रहा है। मिडिल ईस्ट से भी उसे मदद नहीं मिल रहा। इस बीच पाकिस्तान का सबसे बड़ा हितैषी चीन भी खस्ताहाल अर्थव्यवस्था का सामना कर रहा है और अधिकांश अनुमान यह है कि इस दशक में यह 4% औसत को पार करने में विफल रहेगा। वहीं अमेरिका की अर्थव्यवस्था अच्छी स्थिति में है। भारत इस दशक में करीब 7 प्रतिशत की जीडीपी वृद्धि दर्ज कर सकता है।

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