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डिजिटल भारत- पनागर-अब हितग्राही भी चने की दाल बंटने की उम्मीद लगाए बैठे है, प्रशासन द्वारा वितरण भेजी चने की दाल कब मिलेगी, शासन द्वारा हितग्राहियों के लिए बांटने आई चने की दाल विवादों के घेरे में पड़ी है, ज्ञात हो कि माह जनवरी 2022 में खाद्य नागरिक आपूर्ति निगम द्वारा राशन दुकानों के माध्यम से प्रत्येक हितग्राहियों को प्रति कार्ड 1 किलो निःशुल्क चने की दाल बांटने के आये आदेश के बाद राशन दुकानों में चना अप्रैल माह में ऑफलाइन पंहुचा था, यह सवाल आज भी लोगों के मन में खटक रहा है, चने की दाल बांटने आई थी तो उसे हितग्राहियों को वितरित क्यों नही गई, राशन दुकानों में लगभग 10 माह से भी अधिक समय हो जाने के बाद आज तक चना वितरित नही जाना, कहीं इसके पीछे कोई राजनीतिक षड्यंत्र तो नही है, क्योंकि जिले के अंतर्गत लगभग सभी राशन दुकानों में बांटे जाने वाला खाद्यान्न पीओएस मशीन के माध्यम से ऑनलाइन बांटा जाता है, ऑफलाइन भेजे जाने के बाद उक्त चने की एंट्री पीओएस मशीन में नही होने के कारण आज तक चना रखा रहा, पनागर क्षेत्र में आने वाली 62 राशन दुकानों में 10 माह तक रखा चना राशन विक्रेताओं की लापरवाही से गुणवत्ताविहीन हो चुका है, इसके बावजूद आज भी कई ऐसी राशन दुकानें है जहां आज भी चना सुरक्षित रखा हुआ है, पनागर क्षेत्र अंतर्गत सेवा सहकारी समिति कुशनेर के अंतर्गत आने वाली सभी 12 राशन दुकानों में रखा चना व्यवस्थित रखरखाव के चलते आज भी सही रखा है, खाद्य विभाग द्वारा राशन विक्रेताओं से मांगी गई रिपोर्ट के बाद राशन विक्रेताओं ने दुकानों में रखा चना वितरण हेतु सेम्पिल भेजा गया था, पर आज 2 माह बीतने के बाद भी चना वितरण के लिए खाद्य विभाग दिलचस्पी नही दिखाना कहीं न कहीं विभागीय अधिकारियों पर सवालिया निशान उठा रहा है।  

सवालों में कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी की भूमिका

अखबारों की सुर्खियों में लगातार चने की खबरें प्रकाशित होने के चलते जिम्मेदार अधिकारियों ने गुणवत्ताविहीन चने की राशि बसूली के लिए राशन विक्रेताओं को नोटिश जारी कर जबाब देने और राशि बसूलने का नोटिश जारी कर दिए, पर जिन राशन दुकानों में रखा चना आज भी सुरक्षित है, उन दुकानों के संचालक चने बांटने के इंतजार में आज भी बैठे हैं, परंतु ऐसी क्या वजह है कि गुणवत्तापूर्ण चना बांटने के आदेश विभागीय अधिकारियों द्वारा नही दिए जा रहे हैं,
हालांकि राशन विक्रेताओं द्वारा बार-बार यही कहा जाता रहा है कि उनके पास चने बांटने संबंधित किसी भी तरह के विभागीय आदेश नहीं दिए गए हैं अगर आदेश दिए गए होते तो उनके द्वारा गेहूं, चावल, नमक, मिट्टी तेल जैसे अन्य राशन बांटे जाते हैं उसी तरीके से चने की दाल भी बांट दी गई होती जिसके बाद से कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी भी सवालिया निशान के घेरे में हैं फिलहाल मामला चने की दाल का वितरण किया जाना और ना किया जाना सवाल बना है, विभागीय अधिकारियों द्वारा भेजे गए चने की राशि वसूलने सेल्समेनों के पास नोटिस तो भेजे जा चुके हैं लेकिन जिन राशन दुकानों में रखा चना व्यवस्थित है उसने को बांटने संबंधित आज भी किसी भी प्रकार के आदेश नहीं दिए जा रहे हैं जिससे कहीं ना कहीं यह मामला तूल पकड़ता जा रहा है।

इनका कहना है

जिन राशन दुकानों में चना गुणवत्तापूर्ण रखा है जल्द ही उसके वितरण संबंधित आदेश जारी कर दिए जाएंगे, रखरखाव के अभाव में जिन दुकानों का चना गुणवत्ताविहीन हुआ है, उसकी राशि बसूलने अनुविभागीय अधिकारी के समक्ष मामला है, उसमें भी जल्द ही कार्यवाही की जाएगी – रोशनी पांडेय, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी ग्रामीण

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