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अमेरिका ने हाल ही में भारत से भेजे गए 15 आमों के शिपमेंट को दस्तावेज़ी गड़बड़ियों के कारण लौटा दिया है। इनमें से अधिकांश शिपमेंट लॉस एंजिल्स, सैन फ्रांसिस्को और अटलांटा जैसे प्रमुख हवाई अड्डों पर पहुंचे थे।
अमेरिकी अधिकारियों ने निर्यातकों को या तो माल नष्ट करने या भारत वापस भेजने का विकल्प दिया। चूंकि आम जल्दी खराब होने वाली वस्तु है और उसे वापस भेजने की लागत बहुत अधिक थी, सभी निर्यातकों ने माल को वहीं नष्ट करने का निर्णय लिया। इससे लगभग $500,000 (लगभग ₹4.2 करोड़) का नुकसान हुआ।
क्यों भेजे गए थे आम?
भारत दुनिया का सबसे बड़ा आम उत्पादक है, और अमेरिका भारतीय आमों का प्रमुख आयातक है। भारत से आमों का निर्यात 2017-18 में 800 मीट्रिक टन था, जो 2019-20 में बढ़कर 1,095 मीट्रिक टन हो गया। इससे भारत को $4.35 मिलियन का राजस्व प्राप्त हुआ। हालांकि, यह आंकड़ा निर्यात की पूरी क्षमता का एक छोटा सा हिस्सा है। भारत और अमेरिका के बीच व्यापार संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारतीय आमों का निर्यात एक महत्वपूर्ण कदम है।
दस्तावेज़ी गड़बड़ियों के कारण
अमेरिका में भारतीय आमों के आयात के लिए एक विशिष्ट प्रक्रिया है, जिसमें फल को आयनित (irradiated) किया जाता है ताकि कीटाणु और कीड़े नष्ट हो जाएं। इस प्रक्रिया के बाद, भारतीय निरीक्षकों को प्रमाणपत्र जारी करना होता है, जिसे अमेरिकी अधिकारियों द्वारा स्वीकार किया जाता है। हालांकि, हाल के समय में दस्तावेज़ी गड़बड़ियों के कारण कई शिपमेंट्स को मंजूरी नहीं मिल पाई।

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