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डिजिटल भारत I भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक में अयोग्य घोषित किया गया
पेरिस ओलंपिक 2024 के एक महत्वपूर्ण दिन पर भारतीय पहलवान विनेश फोगाट को एक अत्यंत निराशाजनक स्थिति का सामना करना पड़ा। उन्हें उनके निर्धारित वज़न से 100 ग्राम ज़्यादा होने के कारण अयोग्य घोषित कर दिया गया। यह घटना भारतीय खेलों के लिए एक बड़ा झटका है, विशेषकर उस समय जब फोगाट ने 50 किलोग्राम वज़न श्रेणी में अपना प्रदर्शन दिखाने के लिए काफी मेहनत की थी।

वज़न की समस्या और अयोग्यता की जानकारी
विनेश फोगाट बुधवार को अपने फाइनल मुक़ाबले के लिए तैयार थीं। लेकिन, जब उनके वज़न की जांच की गई तो वह निर्धारित 50 किलोग्राम की सीमा से 100 ग्राम ज़्यादा पाई गईं। इससे उनके लिए प्रतियोगिता में भाग लेना संभव नहीं रहा, और वे प्रतियोगिता से बाहर हो गईं। खेल मंत्री मनसुख मंडाविया ने इस मुद्दे पर संसद में बयान दिया, जिसमें उन्होंने पुष्टि की कि विनेश फोगाट की अयोग्यता का कारण उनके वज़न का तय सीमा से अधिक होना था।

महिलाओं के वज़न कम करने की चुनौतियाँ
इस घटना ने एक महत्वपूर्ण सवाल को भी जन्म दिया है: क्या महिलाओं के लिए वज़न कम करना पुरुषों की तुलना में अधिक कठिन होता है? भारतीय ओलंपियन बजरंग पूनिया ने बीबीसी को दिए बयान में कहा कि विनेश फोगाट ने अपने वज़न को कम करने के लिए कड़ी मेहनत की थी, लेकिन वज़न घटाने के लिए पर्याप्त समय का अभाव था। उनका यह भी कहना था कि वज़न कम करने में जिस समय की आवश्यकता होती है, वह उपलब्ध नहीं था।

विशेषज्ञों की राय: पुरुषों और महिलाओं में वज़न घटाने की क्षमता
दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर डॉ. नवल के. विक्रम ने वज़न घटाने के मुद्दे पर कुछ महत्वपूर्ण विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “मैं नहीं मानता कि वज़न घटाने में महिलाओं की क्षमता और पुरुषों की क्षमता में कोई बड़ा अंतर होता है। लेकिन दोनों की शारीरिक बनावट में फर्क होता है, और महिलाओं में वज़न बढ़ने की कई वजह होती हैं।”

डॉ. नवल ने यह भी स्पष्ट किया कि पसीना निकलने को वज़न घटाने के एक प्रमुख कारक के रूप में नहीं देखा जा सकता, जो महिला और पुरुष के वज़न घटाने में बड़ा फर्क पैदा करे। उनके अनुसार, वज़न घटाने में अन्य शारीरिक और जैविक कारण भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
विनेश फोगाट का प्रयास और कड़ी मेहनत
विनेश फोगाट ने इस बार 53 किलोग्राम वज़न श्रेणी को छोड़कर 50 किलोग्राम वर्ग में प्रतिस्पर्धा करने का निर्णय लिया था। इसके लिए उन्होंने अपने वज़न को कम करने के लिए विशेष प्रयास किए थे। उनका लक्ष्य था कि वे अपने नए वज़न श्रेणी में अच्छा प्रदर्शन कर सकें, लेकिन अचानक वज़न की समस्या के कारण उनकी योजना पर पानी फिर गया।
विनेश फोगाट का समर्पण और मेहनत भारतीय खेलों में उनकी महानता को दर्शाता है। उनके द्वारा अपनाए गए कठोर प्रशिक्षण और आहार के बावजूद वज़न की समस्या का सामना करना, खेल की कठिनाइयों और चुनौतियों को स्पष्ट करता है।
पेरिस ओलंपिक में भारतीय खेल प्रतिनिधित्व
पेरिस ओलंपिक 2024 भारतीय खेलों के इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना रही है। इस प्रकार की घटनाएं खेल के प्रति खिलाड़ियों की प्रतिबद्धता और उनके द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करती हैं। हालांकि, खिलाड़ियों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जो उनकी मानसिक और शारीरिक दृढ़ता की परीक्षा होती है।
विनेश फोगाट की अयोग्यता ने न केवल उन्हें बल्कि पूरे भारतीय खेल समुदाय को प्रभावित किया है। इस घटना से सीख लेकर भविष्य में खिलाड़ी अपने वज़न और फिटनेस के प्रबंधन में और भी सतर्कता बरत सकते हैं, जिससे भविष्य की प्रतियोगिताओं में ऐसी समस्याओं से बचा जा सके।
समापन विचार
विनेश फोगाट की पेरिस ओलंपिक 2024 में अयोग्यता एक कड़वी सच्चाई है जो खेलों की वास्तविकता को उजागर करती है। वज़न की समस्या ने एक बार फिर दिखाया है कि खेल की दुनिया में सफलता के लिए सिर्फ तकनीकी कौशल ही नहीं, बल्कि शारीरिक और मानसिक प्रबंधन भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। भारत की खेल प्रतिभा और मेहनत के बावजूद, ऐसे मुद्दों पर ध्यान देना और सुधार करना आवश्यक है।
विनेश फोगाट की मेहनत और संघर्ष को ध्यान में रखते हुए, हमें आशा करनी चाहिए कि भविष्य में भारतीय खिलाड़ी और भी बेहतर तैयारी के साथ इन चुनौतियों का सामना करेंगे और देश का नाम ऊँचा करेंगे।

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