डिजिटल भारत I कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने चीन पर चुनावों में हस्तक्षेप का आरोप लगाया है। दरअसल, कनाडा के खुफिया विभाग सीएसआईएस ने चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप को लेकर एक दस्तावेज तैयार किया है। इसमें उसने दावा किया है कि पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (पीआरसी) ने 2019 और 2021 के आम चुनावों में हस्तक्षेप किया है। सीएसआईएस ने इस बाबत प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को भी जानकारी दी है। गौरतलब है कि कनाडा ने हाल ही में भारत पर भी आरोप लगाए थे कि हिंदुस्तान ने भी पिछले दो चुनावों में हस्तक्षेप किया है। हालांकि भारत ने उसके इन आरोपों को खारिज किया है।
भारत पर भी लगा चुका है आरोप
दोनों चुनावों में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को जीत मिली
गौरतलब है कि इन दोनों चुनावों में जस्टिन ट्रूडो की पार्टी को जीत मिली थी। दस्तावेज में आगे आरोप लगाया गया कि कई राजनीतिक दल शामिल थे और कम से कम 11 उम्मीदवारों और 13 स्टाफ सदस्यों को चीनी सरकार द्वारा विदेशी हस्तक्षेप में फंसाया गया था। इस बीच, जांच में पहले पेश किए गए एक अन्य सीएसआईएस दस्तावेज में सात लिबरल उम्मीदवारों और कनाडा की कंजर्वेटिव पार्टी के चार उम्मीदवारों का उल्लेख किया गया था।
China कंजरवेटिव पार्टी के खिलाफ क्यों?
कनाडा की विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी को आमतौर पर सत्ताधारी लिबरल पार्टी की तुलना में चीन को लेकर अधिक सख्त माना जाता है. कंजरवेटिव पार्टी ने 2021 के चुनाव में सार्वजनिक तौर पर चीन की आलोचना की थी. पार्टी ने चीन में उइगर मुस्लिमों की स्थिति को लेकर भी चीन को खूब सुनाया था. साथ ही पार्टी ने ये चुनाव जीतने पर चीनी कंपनी Huawei को कनाडा में 5G नेटवर्क से प्रतिबंधित करने का वादा भी किया था.
इससे पहले, सीएसआईएस ने भारत पर भी हस्तक्षेप के आरोप लगाया था। कनाडाई खुफिया विभाग ने कहा था कि कनाडा में भारत सरकार का एक सरकारी प्रॉक्सी एजेंट था, जिसका चुनावों में हस्तेक्षप करने का इरादा था। 2021 में भारत सरकार ने छोटे जिलों में हस्तेक्षप करने की कोशिश की थी। भारत को लगता था कि कनाडाई चुनाव का एक हिस्सा खालिस्तानी आंदोलन और पाकिस्तान समर्थक राजनीति से जुड़ा हुआ है। दस्तावेज के अनुसार, खुफिया जानकारी के अनुसार, प्रॉक्सी एजेंट ने भारत समर्थक उम्मीदवारों को वित्तीय सहायता प्रदान की, जिससे लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में दखल दिया जा सके।
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