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नई दिल्ली। युवाओं में सुरक्षा, रक्षा और अनुसाशन का पाठ पठाने वाले राष्ट्रीय कैडेट (एनसीसी) को आने वाले समय में और भी प्रसांगिक बनाया जाएगा। इसके लिए रक्षा मंत्रालय (Defense Ministry) ने गुरुवार को राष्ट्रीय कैडेट कोर (एनसीसी) की व्यापक समीक्षा के लिए एक उच्चस्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया। जिसके चेयरमैन पूर्व सांसद बैजयंत पांडा होंगे। इसके अलावा समिति में महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन और उद्यमी आनंदा महिंद्रा और भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को भी शामिल किया गया है।

दरअसल, एनसीसी में बदलाव और सुधारों के लिए रक्षा मंत्रालय ने उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया गया है। इसी समिति के आधार पर रक्षा मंत्रालय आगे की रणनीति बनाएगी। रक्षा मंत्रालय द्वारा बनाई गई उच्च स्तरीय समीक्षा समिति का प्रमुख पूर्व सांसद बैजनाथ पांडा को बनाया गया है वहीं सांसद विनय सहस्रबुद्धे को भी सदस्य बनाया गया है। इस समिति में महिन्द्रा ग्रुप के चेयरमैन और उद्यमी आनंद महिंद्रा को भी शामिल किया गया है।

जानिए एनसीसी के बारे में

एनसीसी (नेशनल कैडेट कोर) एक ऐसा संगठन है जो स्कूल, कॉलेज तथा विश्विद्यालयों में छात्रों को बेसिक सैन्य प्रशिक्षण देता है। देश में एनसीसी का गठन 16 जुलाई 1948 को राष्ट्रीय कैडेट कोर अधिनियम के जरिए किया गया था। इसका मकसद युवाओं को रक्षा व सुरक्षा व अनुशासन के प्रति सजग बनाना है। इसमें स्कूल व कॉलेज स्तर के विद्यार्थी शामिल हो सकते हैं।

NCC कैडेट्स को दिए जाते हैं तीन सर्टिफिकेट

एनसीसी में शामिल होने वाले युवाओं को कैडेट बुलाया जाता है। तमाम कैडेट्स को उनकी योग्यता के अनुसार A, B और C सर्टिफिकेट दिए जाते हैं। कक्षा 8 से 10 तक में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों को ए सर्टिफिकेट के लिए चुना जाता है। 10वीं कक्षा से उपर यानी इंटरमीडिएट के छात्र होते हैं B सर्टिफिकेट तो वहीं C सर्टिफिकेट महाविद्यालय स्तर पर में पढ़ने वालों को दिया जाता है।

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