जबलपुर । हाई कोर्ट ने ईओडब्ल्यू में दर्ज एफआइआर निरस्त करने से इनकार कर दिया। इसी के साथ सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी को झटका लगा। मामले की सुनवाई प्रशासनिक न्यायाधीश शील नागू व न्यायमूर्ति अवनिंद्र कुमार सिंह की युगलपीठ के समक्ष हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता सेवानिवृत्त न्यायिक अधिकारी राजेन्द्र कुमार बाथम की ओर से पक्ष रखा गया।
राजेन्द्र कुमार ने दलील दी कि याचिकाकर्ता न्यायिक सेवा के दौरान प्रदेश के विभिन्न जिलों में पदस्थ था। देवास श्रम न्यायालय में एक अप्रैल, 2012 से 30 मार्च, 2013 तक सेवा दी। इसके बाद स्थानांतरण सीजेएम राजगढ़ ब्यावर हो गया था। 24 अप्रैल 2014 को सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें 2017 में जानकारी मिली कि उनके देवास में पदस्थापना के दौरान बैंक में फर्जी खाता खोलकर सरकारी राशि निकाली गई है।उन्होंने देवास पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत प्रकरण दर्ज कर नरसिंह बघेल तथा राजेन्द्र बहादुर नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया था। इसके चार साल बाद उन्हें एक करोड़ 92 लाख, 62 हजार के गबन का नोटिस प्राप्त हुआ। जिसके बाद ईओडब्ल्यू भोपाल में भी उनके विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर लिया गया। याचिका में कहा गया कि एक ही अपराध में दो एफआइआर दर्ज नहीं हो सकती है।
