जयपुर । मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की ओर से पूर्व कार्यकाल में शुरू की गई मुफ्त दवा योजना का लाभ राजस्थान के घर घर तक पहुंचा था। इस योजना के लिए देशभर में अशोक गहलोत की तारीफ हुई थी। इसके बावजूद भी कांग्रेस सरकार रिपीट नहीं हो पाई। इस बार भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कई ऐसी योजनाएं लॉन्च की हैं, जो अपने आप में अनूठी हैं और देश के कई राज्य राजस्थान सरकार की योजनाओं को लागू कर रहे हैं। इन दिनों राज्य सरकार की ओर से 10 योजनाओं का लाभ हर पात्र व्यक्ति को देने की गारंटी दी जा रही है। इसके लिए सरकार ने प्रदेश में करीब 2700 महंगाई राहत कैंप लगाए हैं, जिनमें राजस्थान के 1 करोड़ 41 लाख से ज्यादा परिवार लाभान्वित हो चुके हैं। सरकार की ओर से 6 करोड़ 37 लाख से ज्यादा गारंटी कार्ड वितरित किए जा चुके हैं। इन 10 योजनाओं में कई योजनाएं ऐसी है, जिनका लाभ प्रदेश के हर परिवार को मिल रहा है। आइए जानते हैं इन योजनाओं के बारे में जो सरकार के रिपीट होने का आधार बन सकती हैं।
बिजली के बिल हर महीने लोगों को डराते हैं। महंगाई के दौर में राज्य सरकार ने हर परिवार को बिजली के बिल में बड़ी राहत दे दी है। प्रदेश के हर परिवार को 100 यूनिट मुफ्त बिजली दिए जाने का ऐलान किया जा चुका है। 200 यूनिट तक बिजली उपभोग करने वालों को भी 100 यूनिट मुफ्त बिजली के साथ स्थायी शुल्क, फ्यूल सरचार्ज सहित अन्य सभी तरह के शुल्क माफ होंगे। इस योजना का लाभ हर उपभोक्ता को मिलेगा। योजना का लाभ लेने के लिए महंगाई राहत कैंप में जाकर रजिस्ट्रेशन कराना अनिवार्य है।इस योजना के तहत राज्य सरकार की ओर से प्रदेश के हर परिवार को मुफ्त इलाज की गारंटी दी गई है। सरकारी अस्पतालों में तो इलाज फ्री है ही, साथ ही निजी अस्पतालों में भी 25 लाख रुपए तक के इलाज का भुगतान सरकार वहन करेगी। इसके लिए परिवार की मुखिया महिला के जनाधार कार्ड को आधार बनाया गया है। इस जनाधार में जुड़े सदस्यों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। सरकार की इस योजना का लाभ प्रदेश के हर परिवार को मिल रहा है। चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना का लाभ भी हर परिवार को दिया जा रहा है। इसमें अगर हादसे में किसी की अकाल मृत्यु हो जाती है तो राज्य सरकार की ओर से 10 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान हैं।
राज्य सरकार की ओर से बुजुर्गों, विधवाओं, निशक्तजनों, एकल नारी सहित कई अलग अलग श्रेणियों में 1 करोड़ से ज्यादा लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन दी जा रही है। पहले 500 रुपए प्रति माह पेंशन दी जाती थी, जिसे बाद में 500 से बढ़ाकर 750 कर दिया था। अब राज्य सरकार ने हर श्रेणी के पात्र व्यक्ति की न्यूनतम पेंशन 1000 रुपए प्रतिमाह कर दी है। इस योजना का लाभ भी अधिकतर परिवारों को मिल रहा है। यह योजना भी गहलोत सरकार के रिपीट में बड़ी भूमिका निभा सकती है।