इस्लामाबाद: दुनिया भर से बैन से बचने के लिए पाकिस्तान के नेता कुछ दिन पहले तक हक्कानी नेटवर्क, तालिबान, जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों का नाम लेने से भी बचते थे अब वही नेता दुनिया को तालिबान का डर दिखा रहे हैं। तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के आतंकियों के गुण गा रहे हैं। एक ओर तो पाकिस्तान तालिबान की सरकार के लिए दुनिया भर से सपोर्ट की अपील कर रहा है और दूसरी ओर धमकी भी दे रहा है कि अगर दुनिया अफगानिस्तान की सरकार को सपोर्ट नहीं करेगा तो गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
तालिबान का डर दिखा रहा पाकिस्तान
पाकिस्तान के विदेश मंत्री के शाह महमूद कुरैशी ने कहा, अफगानिस्तान को अलग-थलग करने के गंभीर परिणाम होंगे और वो अफगान जनता, क्षेत्र और दुनिया के लिए सहायक नहीं होंगे। डराने-धमकाने, दबाव और बलप्रयोग की नीति काम नहीं आई। हमने अफगानिस्तान के संबंध में नई सकारात्मक सोच अपनाई है। अफगानिस्तान में नई स्थिति को पहचाना जाए और शांति के लिए तालिबान के साथ संवाद कायम किया जाए। कुरैशी ने स्पेन के विदेश मंत्री जोस मैनुअल अलबेयर्स के साथ जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह टिप्पणी की। पाकिस्तान के मंत्री ने कहा कि उन्हें लगता है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को अफगानिस्तान में नई वास्तविकताओं को मानने की कोई जल्दी नहीं है और लोग आराम से देख रहे हैं और इंतजार कर रहे हैं।