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कर्नाटक । कर्नाटक का विधानसभा चुनाव जीतने के बाद सीएम पद के लिए सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कड़ी टक्कर रही. कांग्रेस ने पांच दिन तक सीएम फेस को लेकर बैठकीं. आखिरकार 18 मई को सिद्धारमैया के नाम पर मुहर लगा दी गई. हालांकि कांग्रेस के इस फैसले से डीके शिवकुमार को पूरी तरह से नुकसान नहीं हुआ है.कांग्रेस ने सत्ता साझा करने के लिए उन्हें डिप्टी सीएम बनाया हैलेकिन कांग्रेस ने सीएम पद के लिए रोटेशनल फॉर्मूले की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की. यह पहली बार नहीं है कैप्टन अमरिंदर सिंह के 2021 में कांग्रेस से बाहर निकलने के साथ ही पंजाब में सीएम का पद खाली हो गया.इसके बाद सीएम पद के लिए नवजोत सिंह सिद्धू और सुखजिंदर रंधावा के नाम की चर्चा शुरू हो गईऐसे में लंबे समय से सीएम की सीट पर सिद्धू नजर गड़ाए बैठे हुए थे.ऐसे में लंबे समय से सीएम की सीट पर सिद्धू नजर गड़ाए बैठे हुए थे.

हिमाचल प्रदेश में पिछले साल कांग्रेस ने बीजेपी को सत्ता से बेदखल कर दिया. इसके बाद संभावित सीएम उम्मीदवारों के कई नाम सामने आए. इनमें वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह का नाम सबसे आगे था.

छत्तीसगढ़ में 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद भूपेश बघेल को सीएम बनाया गया था. हालांकि, राज्य में टीएस सिंह देव, ताम्रध्वज साहू और चरण दास महंत समेत कई नेताओं के नामों की भी चर्चा चल रही थी. इन सब में सबसे बड़े दावेदार टीएस सिंहदेव थे.राजस्थान कांग्रेस में चल रही अंदरूनी कलह ने आगामी विधानसभा चुनाव से पहले आलाकमान के सामने बड़ी चुनौती खड़ी कर दी है. सचिन पायलट और अशोक गहलोत के बीच तनातनी अपने चरम पर पहुंचती जा रही है.

कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की भारी जीत के बाद पार्टी आलाकमान ने लंबी चर्चा के बाद 18 मई को सिद्धारमैया को सीएम के रूप में घोषित किया. 75 वर्षीय नेता कर्नाटक में दूसरी बार सीएम पद की शपथ लेंगे. कर्नाटक कांग्रेस के प्रमुख डीके शिवकुमार ने उन्हें सीएम की रेस में बराबर की टक्कर दी थी, लेकिन वह कांग्रेस के संकटमोचक सिद्धारमैया से हार गए. ht

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