डिजिटल भारत l 10 नवंबर 2022 को सूचना मिली थी कि ,ग्राम बेला (मवई ब्लॉक) के एक लड़की जिसका नाम सरस्वती मरावी है, अपनी सहेलियों के साथ आज से 13 माह पहले अंडा फैक्ट्री में आंध्र प्रदेश काम करने चली गई थी। जब यह सभी वहां से काम करके वापस आने लगे तब, इनके पिताजी ने इन्हें कॉल करके इनके कुछ साथी केरल जा रहे थे, तब डरा धमका के केरल बुलवा लिया और लगभग 5 माह हो चुके थे, उसे घर आने नहीं दिया जा रहा था, वही काम करवाया जा रहा था और उसका मजदूरी का भुगतान भी उसे नहीं दिया जा रहा है।
मंडला टीम के फलोंअफ के दौरान लड़की सरस्वती की मां अनीता मरावी से जानकारी ली गई उसके पश्चात सरस्वती से फोन के माध्यम से बात की गई उनका कहना है कि, उनके पिताजी उन्हें पिछले 5 माह से अपने साथ केरल में रखे हुए हैं और वह स्थाई रूप से 7- 8 साल वहीं रहते हैं, उन्होंने डरा धमकाकर मुझे (सरस्वती को) अपने पास बुला लिया और अब मुझसे काम करवा रहा है, और घर आने नहीं दे रहा है सरस्वती और उसके मां के बार बार कहने पर भी उसको घर भेजने के लिए राजी नहीं हो रहा है।
सरस्वती और उसकी मां अनीता बाई ने बताया है कि उसकी शादी वही किसी लड़के से करने वाले हैं जिसका विरोध हम दोनों कर रहे हैं लड़की की मां ने बताया है कि किसी लड़के को वहां पर ₹100000 मांग कर लड़की को उसके साथ शादी करने की बात सुनने में आया है, और अभी लड़की सरस्वती की उम्र 16 साल है जो कि नाबालिक है और वह शादी करना नहीं चाहती और अपने घर आना चाह रही है। जन साहस की टीम के द्वारा केस की छानबीन के बाद उस गांव के एक दो लोगों से भी जानकारी ली गई उन्होंने बताया है कि, लड़की के पिता को लड़की की मां के लिए ग्राम बेला में घर जमाई बना कर रखा गया था लेकिन इसके नशाखोरी और 1-2 धोखाधड़ी और चोरी के कारण इसको गांव से 8 साल पहले गांव वालों के द्वारा भगा दिया गया था।
शिकायतकर्ता अनीता मरावी ने बताया है कि उनके घर में उनके समेत 4 सदस्य रहते हैं जिनमें मुखिया अनीता बाई और सरस्वती समेत एक लड़का और दो लड़की हैं जिनमें से दूसरे नंबर की लड़की सरस्वती है सरस्वती की मां ने बताया की लगभग 8- 10 साल से मैं इन बच्चों को अकेले ही अपने मायके घर में बनी मजदूरी करके भरण पोषण कर रही हूं पढ़ा लिखा रही हूं लेकिन मेरी बड़ी लड़की सरस्वती संगति में आकर कुछ लड़कियों के साथ चुपके से बाहर काम करने चली गई और उसके पिताजी के हाथ लग गए अब उसे आने नहीं दिया जा रहा हैं। जन साहस की टीम मंडला की अगुवाई में अनीता बाई का समर्थन लेते हुए मंडला टीम ने मंडला कार्यालय में एडीएम को उसे वापस लाने हेतु दिनांक 22 नवंबर 2022 को आवेदन दिया जिस पर मंडला एडीएम के द्वारा पल्ला झाड़ते हुए इसे पारिवारिक विवाद बताकर श्रम विभाग को केस ट्रांसफर कर दिया।
26 नवंबर 2022 को जन साहस की टीम के द्वारा पुनः केस की जानकारी ली गईं जिस पर श्रम विभाग मंडला के ए एल ओ श्री डीके जैन के द्वारा इस केस संबंधित थाना मोती नाला में ट्रांसफर कर दिया गया मोतीनाला थाना द्वारा इस केस को गंभीरता से लेते हुए केरल जाने का निर्णय लिया गया परंतु मोतीनाला थाना में पदस्थ ए.एस.आई. बोयर जी के द्वारा यह बताया गया कि एसडीओपी साहब ने इस केस में पुलिस बल भेजने से इंकार कर दिया है, इस कारण हम नहीं जा पाएंगे। जन साहस की टीम के द्वारा 2 दिसंबर 2022 को लड़की की मां अनीता बाई को लेकर मंडला चाइल्ड वेलफेयर कमिटी में पुनः आवेदन किया गया जिस पर मंडला सीडब्ल्यूसी ने केरल सीडब्ल्यूसी से बात करके लड़की सरस्वती मरावी को रेस्क्यू करवाकर केरल के चितिरापुरम लिटिल फ्लावर मेरिकी होम शेल्टरहोम सेंगूलम में भेज दिया । केरल सीडब्ल्यूसी द्वारा सरस्वती को रेस्क्यू किए 2 महीना बीत चुके थे लड़की सरस्वती की मां अनीता बाई परेशान थी , मंडला सीडब्ल्यूसी आग्रह करने पर मंडला से सीडब्ल्यूसी चाइल्ड हेल्पलाइन और एसजेयूपी और जन साहस की एक टीम बनाई गई और केरल जाने का निर्णय लिया गया लेकिन मंडला सीडब्ल्यूसी के द्वारा जन साहस ऑर्गनाइजेशन को किसी भी प्रकार का अधिकृत पत्र न दिए जाने के कारण संस्था ने अपना हाथ खींच लिया और जाने से मना कर दिया इस तरह महीने बीत गए लेकिन मंडला प्रशासन के द्वारा इस केस में आगे कोई प्रोग्रेस नहीं हुआ आनन-फानन में जन साहस ऑर्गेनाइजेशन ने मंडला सीडब्ल्यूसी को अधिकृत पत्र देने हेतु प्रार्थना पत्र लिखा उस आधार पर मंडला सीडब्ल्यूसी ने जन साहस संस्था को केवल कोऑर्डिनेट हेतु पत्र लिखा और पूरा का खर्चा संस्था के मध्य कर दिया गया। उसी आधार पर दिनांक 1 मार्च 2023 को मंडला से जन साहस की टीम से प्रदीप सिंह मार्को एसजेयूपी से पार्वती सैयाम और लड़की की मां अनीता बाई तीनों की टीम मंडला से केरल के लिए रवाना हुई और दिनांक 3 मार्च 2023 को केरल के इडुक्की जिला अंतर्गत थुडोपुजहा में सीडब्ल्यूसी जाकर के कागजी कार्रवाई कर शेल्टर होम से सरस्वती मरावी को 7 मार्च 2023 को सुरक्षित घर पहुंचाया गया।