जैन समाज के प्रमुख तीर्थ स्थलों में शामिल सम्मेद शिखर को पर्यटन क्षेत्र घोषित किए जाने के विरोध में जैन समाज ने मौन रैली निकालकर सरकार के नाम ज्ञापन सौंपा।
डिजिटल भारत I आज सुबह से ही दुकानदारों ने यहां अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद कर विरोध दर्ज करवाया है। जिले में निवाड़ी नगर समेत ओरछा और पृथ्वीपुर तहसील में भी जैन समाज के लोगों ने अपने व्यापार बंद कर प्रतिष्ठान में तालाबंदी की और झारखंड सरकार के आदेश की जमकर आलोचना की।
आदेश वापसी की मांग को लेकर सैकड़ों जैन व्यापारियों का समूह ज्ञापन देने के लिए पृथ्वीपुर तहसील कार्यालय पहुंचा था, लेकिन अधिकारी कार्यालय में नहीं थी। इसको लेकर जैन समाज के लोगों में अधिकारियों और सिस्टम को लेकर काफी आक्रोश दिखाई दिया।
समाज के लोग हाथों में तख्तियां बैनर लेकर उत्तराखंड एवं केन्द्र सरकार के वन एवं पर्यटन मंत्रालय के खिलाफ नारेबाजी लिखकर चल रहे थे।
लोगों का कहना है कि I
यह पवित्र तीर्थ स्थल है, यहां जैन धर्म की अगाध आस्था जुड़ी हुई है। साथ यहां तीर्थंकरों समेत जैन धर्मगुरुओं ने मोक्ष प्राप्त किया है। यहां पर्यटन स्थल बनने से इसकी पवित्रता नष्ट हो रही है, साथ ही लोग मांस मदिरा का सेवन कर रहे हैं। जो कि अनुचित है। यदि समय रहते इस आदेश को वापस नहीं लिया गया तो जैन समाज अपना विरोध तेज करेगा।
झारखंड के गिरिडीह जिले में सम्मेद शिखर पर्वत मौजूद है, जो जैन समाज का प्रमुख तीर्थ स्थल माना जाता है। जैन समाज के लोगों ने का विरोध इस बात को लेकर है कि शिखर के एक हिस्से को झारखंड सरकार ने वन्य जीव अभ्यारण्य घोषित कर दिया है। इसके अलावा केन्द्र व झारखंड सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन में सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल बनाने की बात भी कही गई है। जिसको लेकर देशभर का जैन समाज आक्रोशित है। इसी बात को लेकर जबलपुर समेत प्रदेश के कई जिलों में जैन समाज के लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं