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डिजिटल भारत l बुधवार हनुमान ताल मैं पक्छियो की सुबह आम दिनों की तरह नहीं रहीl

लेकिन जैसे ही सूरज चढ़ा प्रकृति प्रेमियों के लिए बुरी खबर आ गई। सैकड़ों की संख्या में मासूम बेजुबान पंछी तालाब की जलराशि में मृत उतराते हुए मिल गए। ये देखकर हर कोई हतप्रद रह गया। मामला हनुमानताल तालाब का है। मौके पर पहुंचे वन विभाग के कर्मचारियों ने जांच के लिए तीन चार पंछी अपने साथ रख लिए, बाकी पंछियों को सफाई कर्मचारियों ने कचरे में फेंक दियाl

प्रकृति प्रेमी एवं गौ सेवक मनीष नामदेव ने बताया वे और उनके साथ प्रतिदिन हनुमानताल के किनारे योग और मॉर्निंग वॉक करने के लिए आते हैं। बुधवार सुबह जब पहुंचे तो पाया कि तालाब में सैकड़ों की संख्या में पक्षी पड़े हैं। तत्काल कुछ लोगों के सहयोग से हमने पंछियों को बाहर निकाला, लेकिन वे मर चुके थे। सूचना देकर वन विभाग को बुलवाया तो उनके कर्मचारियों ने जांच के लिए चार पंछी अपने साथ रख लिए बाकी को वहीं छोडकऱ चले गएl

मृत हुए पंछियों में ग्रे हॉर्नबिल, रेड रपेड शॉलो और गौरैया शामिल हैं। तीनों स्थानीय पंछी हैं जो बड़ी संख्या में तालाबों, नदियों के किनारे रहते हैं। इन दिनों इनका ब्रीडिंग सीजन भी चल रहा है। ऐसे में इतनी बड़ी संख्या में इन पंछियों का मरना दुखद है। मृत हुए पंछी प्रकृति के संतुलन में बहुत बड़े सहयोगी हैं। सर्दियों के दिनों में निकलने वाले कीट पतंगों, विषैले छोटे छोटे जीवों को खाते हैं। प्रथमदृष्टया इनकी मौत तालाब के गंदे पानी पीने से लग रही है। हालांकि इसकी जांच की जानी चाहिए।

हनुमानताल तालाब के घाटों में पूजन सामग्री, घरों मंदिरों से निकला निर्माल्य, मूर्तियां, पॉलीथिन, तेल के दीये आदि इतनी बड़ी मात्रा में विसर्जित किए गए हैं कि तालाब के घाटों में खड़ा होना मुश्किल हो गया है। बदबू व सडंाध मारता झाग में हजारों छोटी-छोटी मछलियां भी मरी हुई तैर रही हैं। जिन्हें देखकर पानी के विषैले होने का अंदाजा लगाया जा सकता है। तालाब के हर घाट का यही हाल है। जबकि कुछ दिनों पहले ही पूरे तालाब की सफाई कर लोगों को किसी भी प्रकार का कचरा नहीं डालने की शपथ दिलाई गई थी, इसके बावजूद लोग नहीं मान रहे हैं

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