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डिजिटल भारत l प्रभावित जिलों में एमडीआर के लिये बनाएँ विशेष रणनीति
स्टेट टास्क फोर्स कमेटी ने दिए सुझाव

लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा है कि फायलेरिया प्रभावित जिलों में
मास लेवल पर फायलेरिया निरोधी दवा की खुराक सभी लोग के लिए एक बार लेना जरूरी है। इसके लिये आमजन
को समझाइस दी जाए। फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में ऐसे जिले जहाँ पर फायलेरिया के केस पूरी तरह से
समाप्त नहीं हुए है, उनमें मास लेवल पर फायलेरिया निरोधी दवा की खुराक दी जाना है। फायलेरिया निरोधी दवा
की खुराक सभी को लेना है। इससे फायलेरिया को समाप्त किया जा सकता है। यदि प्रभावित क्षेत्र अथवा जिले के
कुछ लोग दवा का सेवन नहीं करते है तो इससे पूरा क्षेत्र फायलेरिया बीमारी से पीड़ित बना रहता है। स्वास्थ्य मंत्री
डॉ. चौधरी सोमवार को मंत्रालय में राष्ट्रीय फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की स्टेट टास्क फोर्स की बैठक को
संबोधित कर रहे थे। स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने बताया कि आम लोगों को फायलेरिया बीमारी के उन्मूलन के लिये
दवा खाने की आवश्यकता का एहसास कराना होगा। आमजन को यह समझाइस देना होगी कि फायलेरिया से मुक्ति
तभी संभव जब प्रभावित जिले के सभी लोगों द्वारा दवा का एक बार सेवनअवश्य किया जाए। उन्होने कहा कि
आमजन को यह जानकारी दी जाए कि फायलेरिया की रोकथाम के लिये दवा खाने से फायलेरिया की बीमारी नहीं
होगी और दवा का दुष्प्रभाव नहीं है। फायलेरिया के उन्मूलन के लिये संबंधित जिलों के जनसमुदाय को दवा खाना
जरूरी है। इस संदेश को विभिन्न माध्यमों से प्रभावित जिलों में जन-जन तक पहुँचाया जाए। स्वास्थ्य मंत्री डॉ.
चौधरी ने कहा कि देश में 20 राज्य के 133 जिलों में फायलेरिया उन्मूलन प्रगति पर है। प्रदेश में 12 एंडेमिक
जिलें है। उन्होंने बताया कि फायलेरिया संक्रमित मच्छर क्यूलेक्स के द्वारा फैलने वाली बीमारी है।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. चौधरी ने कहा कि छतरपुर, दतिया, कटनी, पन्ना, उमरिया, रीवा, टीकमगढ़ और निवाड़ी
में एमडीए की गतिविधि की जा रही है। सागर, सतना, छिन्दवाड़ा और दमोह जिले को ट्रांसमिशन असिसमेन्ट सर्वे
के लिये शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि एमडीए की गतिविधि के सफलतापूर्वक संचालन के लिये संबंधित
जिलों के स्थानीय जनप्रतिनिधियों सहित नगरीय निकायों के पार्षद और ग्राम पंचायत के सरपंच से अभियान में
भागीदार बनाने के लिये पहल की जाएँ

। उन्होंने कहा कि शिक्षा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास, महिला-बाल विकास,
जल संसाधन, किसान कल्याण एवं कृषि विकास, नगरीय विकास एवं आवास, जनजातीय कार्य, सामाजिक न्याय
एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के मैदानी अमले को फायलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम में जोड़ने की जरूरत है। बैठक
में एसीएस स्वास्थ्य श्री मोहम्मद सुलेमान, स्वास्थ्य आयुक्त डॉ. सुदाम खाड़े, सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास
श्री धनंजय सिंह, सचिव वन विभाग श्री एके मिश्रा, एमडीएनएचएम सुश्री प्रियंका दास, अतिरिक्त आयुक्त नगरीय
विकास डॉ. सत्येन्द्र सिंह, अतिरिक्त आयुक्त अनुसूचित जनजाति कल्याण श्री केजी तिवारी और टास्क फोर्स कमेटी
के सदस्य उपस्थित थे।

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