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डिजिटल भारत : महिला बाल विकास द्वारा संचालित कार्यक्रम बाल भवन कार्यालय में आयोजित हुआ। जिसमे महिला बाल विकास एवं पुलिस विभाग द्वारा बच्चो और अभिभावकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे यौन शोषण तथा पॉस्को एक्ट से सम्बंधित जानकारी दी गई।

क्या है पॉस्को एक्ट ?

यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण करने के लिए पोक्सो (POCSO) जिसका पूरा नाम है The Protection Of Children From Sexual Offences Act (प्रोटेक्शन आफ चिल्ड्रेन फ्राम सेक्सुअल अफेंसेस एक्ट) अधिनियम बनाया गया है। इस अधिनियम (कानून) को महिला और बाल विकास मंत्रालय ने साल 2012 पोक्सो एक्ट-2012 के नाम से बनाया था। इस कानून के जरिए नाबालिग बच्चों के प्रति यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और पोर्नोग्राफी जैसे यौन अपराध और छेड़छाड़ के मामलों में कार्रवाई की जाती है। इस कानून के अंतर्गत अलग-अलग अपराध के लिए अलग-अलग सजा निर्धारित की गई है।

आयोजित कार्यक्रम के दौरान सहायक संचलक महिला बाल विकास आशीष द्विवेदी ने शासन द्वारा बच्चो के कल्याण के लिए संचालित योजनाओ से संबन्धित जानकारी प्रदान की। वहीं महिला अपराध प्रकोष्ट प्रभारी उषा सिंह सोमवंशी ने बच्चो को गुड और बैड टच के बारे में बताया। उन्होंने कहा की बच्चो के साथ दोस्ताना व्यवहार रखें और उनसे हर विषय पर बात करने की कोशिश करे जिससे वह आपके साथ हर बात के लिए सहज हों इस दौरान बच्चो को विरोध करने का तरीका भी सिखाया गया जिससे अगर उनके साथ कुछ गलत हो तो वो विरोध करने का साहस दिखा सके। बच्चो को यह विश्वास दिलाएं की आप हर कदम पर उनके साथ हैं ये जिम्मेदारी अभिभावकों की भी है की अभिभावक अपने बच्चो को यौन शोषण से बचाव के बारे में जरूर जानकारी दें इसके लिए पहले अभीभावकों को भी जागरूक होना पड़ेगा । इस कार्यक्रम में बाल कल्याण समिति के अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

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