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डिजिटल भारत I आगजनी की घटनाओं से बचाव के इंतजामों की जानकारी जुटाने नगर निगम द्वारा कराए जा रहे फायर सेफ्टी ऑडिट में अभी तक करीब 20 अस्पताल और नर्सिंग होम ने अपनी रिपोर्ट दी है। इन्हें अग्निशमन विभाग ने अस्थाई एनओसी जारी कर दी है। 60 से अधिक ने अभी संपर्क तक नहीं किया है। इस ऑडिट के दायरे में कई पुरानी, नई व निर्माणाधीन व्यवसायिक और रहवासी इमारते भी आती हैं, यह कितनी है, इसकी जानकारी अभी जुटाई जा रही है।

आग लगने या ऐसी अन्य घटनाओ से बोहोत जान माल की हानि हो सकती है जिसके बचाव के साधनो की व्यवस्था होना बोहोत ही आवश्क है हर बिल्डिंग व कार्यालय में अग्नि शामक यन्त्र होने चाहिए तथा बड़ी घटनाओ के होने पर शहर में फ़ारब्रिगेट की उत्तम व्यवस्था होनी चाहिए इस बात का ख्याल निगम आयोग को रखना होगा

बड़ी इमारतों खासकर अस्पतालों में आग लगने की घटनाएं आए दिन होती हैं। इनका कारण शॉर्ट सर्किट के साथ पर्याप्त एवं तय मापदंडों के अनुरूप अग्निशमन यंत्र एवं आग बुझाने की प्रणाली का अभाव होता है। शहर के कई अस्पतालों के अलावा इमारतों में आग बुझाने के लिए पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। जबकि यह अतिआवश्यक होता है। इस बीच नगर निगम भी सक्रिय हुआ है, अब वह ऑडिट करवा रहा है। लेकिन दिक्कत यह है कि निगम के अग्निशमन विभाग के पास इमारतों की पुख्ता जानकारी नहीं है। ऐसे में नियमों का पालन नहीं हो रहा है।

अग्निशमन विभाग को संबंधित संस्थान अपना फायर प्लान देगा। फिर प्लान के अनुरूप अग्निशमन यंत्र या प्रणाली की स्थापना वह इमारत में करेगा।

नर्सिंग होम एवं अस्पतालों का प्राथमिकता के तौर पर फायर ऑडिट कराया जा रहा है।

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