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राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने मामला दर्ज किया था, जिसमें हिज्ब-उल-मुजाहिदीन पर पड़ोसी देशों से धन प्राप्त करने और भारत में आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने का आरोप था।

विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने सोमवार को मोहम्मद शफी शाह और मुजफर अहमद डार को 12-12 साल कैद और तालिब लाली तथा मुश्ताक अहमद लोन को 10-10 साल के कारावास की सजा सुनाई।जिसके बाद चार अक्टूबर को उन्हें दोषी करार दिया गया था। शफी शाह और लाली जम्मू-कश्मीर के बांदीपुरा जिले के रहने वाले हैं, जबकि डार बडगाम जिले का और लोन अनंतनाग जिले का रहने वाला है।

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने टेरर फंडिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में एक साथ कई ठिकानों पर छापा मारा है.

सूत्रों के मुताबिक देश में NGO के जरिए टेरर फाइनेंसिंग पर ये NIA का आज सबसे बड़ा क्रैकडाउन है. NIA को मिली जानकारी के मुताबिक भारत में आतंक की फंडिंग विदेशी धरती से हो रही थी

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