डिजिटल भारत: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा है कि भारत और इजराइल के बीच संबंध उन ऊंचाइयों तक पहुंच गए हैं जो ‘व्यक्ति विशेष से परे’ है। विदेश मंत्री के रूप में इस सप्ताह अपनी पहली इजराइल यात्रा पर पहुंचे जयशंकर ने यह टिप्पणी यहां के एक स्थानीय टेलीविजन के साथ एक इंटरव्यू में की।’ विदेश मंत्री एस जयशंकर रविवार को पांच दिवसीय यात्रा पर इजरायल पहुंचे हैं. इस दौरान वह भारत और इजरायल के बीच द्विपक्षीय सहयोग के नए क्षेत्रों की संभावनाएं तलाशने के अलावा रणनीतिक संबंधों को और समृद्ध करने के लिए परस्पर रोडमैप तैयार करने के लिए यहां के शीर्ष नेतृत्व के साथ बैठक करेंगे.
जयशंकर ने आगे कहा, ‘इसलिए इस तरह यह हर उस व्यक्ति की सफलता का साक्ष्य है जिसने उस परिवर्तन में योगदान दिया है। ’ हालांकि उन्होंने संबंधों को ऊंचाई पर पहुंचाने वाले व्यक्तियों की महत्वपूर्ण भूमिका को भी मान्यता दी तथा कहा, ‘हमें उन व्यक्तियों की सराहना करनी चाहिए जिन्होंने इसे संभव बनाया। इसलिए मैं यहां इजराइल में नई सरकार से सीधे बात करने आया हूं।’
भारतीय सैनिकों को दी श्रद्धांजलि
जयशंकर की इस इजरायल यात्रा की शुरुआत प्रथम विश्व युद्ध में इस क्षेत्र में जान न्योछावर करने वाले भारतीय वीर सैनिकों के लिए यरूशलम में तालपेयोट स्मारक पर श्रद्धांजलि देने के साथ हुई. यरूशलम, रामले और हैफा में करीब 900 भारतीय सैनिकों को दफनाया गया था. भारतीय सैनिकों के साहसिक कारनामे यहां पिछले दो दशकों में प्रमुख रूप से सामने आए हैं पुस्तक का विमोचन भी करेंगे विदेश मंत्री
जयशंकर ‘बंबई / मुंबई : सिटी हेरीटेज वॉक्स’ पुस्तक का भी विमोचन करेंगे, जिसे हीब्रू विश्वविवद्यालय के प्रोफेसर शॉल सापिर ने लिखा है. सापिर का जन्म भारत में हुआ था