बच्चे (Kids) जब बीमार हो जाते हैं तो माता-पिता की रातों की नींद उड़ जाती है. खासकर बदलते मौसम में बच्चे अचानक से बीमार हो जाते हैं. बुखार, खांसी, जुकाम, सिर दर्द, उल्टी, दस्त आदि बीमारियां हो जाने पर पैरेंट्स घबरा जाते हैं. कई बार वो कुछ सोच समझ नहीं पाते और खुद ही उनका इलाज करना शुरू कर देते हैं. माता- पिता बच्चों के बीमार हो जाने पर दवाई देने में छोटी -छोटी गलतियां कर देते हैं. जो उनको बिलकुल नहीं करनी चाहिए. इससे बच्चे की दिक्कत बढ़ सकती है. इसलिए जजरूरी है बच्चे जब बीमार हों तो उनको सबसे पहले डॉक्टर (Doctor) को दिखाएं.
डॉक्टर के परामर्श के अनुसार कब, कौन सी दवा देनी है, वो देते रहें. आइये जानते हैं कुछ बातें जिससे पेरेंट्स बच्चों को दवा देने में गलतियां करने से बच सकें
सही खुराक देना:- बच्चे के बीमार होने पर माता-पिता जिम्मेदारी होती है कि बोतल पर लिखे गए इंस्ट्रक्शन्स के हिसाब से उनको दवा दें. आमतौर पर डाक्टर की सलाह के अनुसार ही बच्चों को दवा देनी चाहिए. फिर अगर बच्चों को डॉक्टर द्वारा दी गई दवा से आराम नहीं मिल रहा है तो फौरन डॉक्टर से मिलकर अपने बच्चे की सारी परेशानियां बतानी चाहिए.
दवा खुराक को दोहराना:- खांसी आने पर अक्सर ऐसा होता है. पैरेंट्स बच्चों को अगर बार- बर खांसी आ रही है, तो हर बार खांसी का सिरप पिला देते हैं. ताकि बच्चों की खांसी बंद हो सके. ऐसा करने से बचें क्योंकि ज्यादातर कफ सिरप पीने के बाद सुस्ती आती है. जो बच्चे की सेहत के लिए ठीक नहीं है.
दर्द से मिले आराम:- बच्चे जब बाहर खेलते हैं या थक-हार कर घर आते हैं, उनको अगर पैर में दर्द हो या सिर दर्द आदि की शिकायत होती है तो अक्सर कुछ पैरेंट्स बच्चों को पेन किलर दे देतें हैं. जो बिल्कुल नहीं करना चाहिए. दर्द निवारक दवा खाने से बच्चों को आगे चल कर गंभीर दिक्कतें हो सकती ंहै. ऐसे में पैरेंट्स बच्चों को घरेलू नुस्खे अपनाकर दर्द से निजात पा सकते हैं. बच्चे का दर्द भी दूर हो जाएगा.