डिजिटल भारत l 8 सितंबर 1933 को जन्मी वो आशा भोंसले जिन्होंने 1943 में 10 साल की उम्र में गाना शुरू कर दिया था. जो 80 साल से गाती आ रही हैं 1943 में मराठी फ़िल्म से शुरुआत करने के बाद 1945 में आशा भोंसले को हिंदी गाने मिलने लगे. वे और किशोर कुमार दोनों इंस्डट्री में बिल्कुल नए-नए. संगीत निर्देशक खेमचंद प्रकाश संगीत की दुनिया का बड़ा नाम थे. दोनों कलाकार खेमचंद प्रकाश का गाना रिकॉर्ड करने स्टूडियो में जहाँ म्यूज़िक रिकॉर्डिस्ट रॉबिन बनर्जी भी मौजूद थे. दोनों गायकों ने गाना शुरू किया- ‘अरमान भरे दिल की लगन तेरे लिए है…’ छोड़कर पॉडकास्ट आगे बढ़ें
छोटी उम्र बड़ी ज़िंदगी
उन चमकते सितारों की कहानी जिन्हें दुनिया अभी और देखना और सुनना चाहती थी. दिनभर: पूरा दिन,पूरी ख़बर
समाप्त आगे का किस्सा कई किताबों और आशा भोंसले की इंटरव्यू में दर्ज है. हुआ ये कि गाना बीच में रोक दिया गया और रॉबिन बनर्जी ने कहा ये गायक काम के नहीं है और दोनों को मना कर दिया गया. यानी वो दो गायक जिनके हुनर को लोग आज सलाम करते हैं उन्हें रिजेक्ट कर दिया गया था. ‘मोमेंट्स इन टाइम’ नाम की सिरीज़ में आशा भोंसले ने अपने आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर ये किस्सा साझा किया है. अपने यूट्यूब चैनल पर आशा भोंसले बताती हैं, “बरसों बाद हम दोनों एक गाना रिकॉर्ड कर रहे थे ‘आखों में क्या जी, रुपहला बादल…’ अचानक किशोर दा रुक गए और मुझसे बोले कि देखो विलेन बैठा है. उनका मतलब उन्हीं रॉबिन बनर्जी से था आशा के इस गाने में एक अजीब सा दर्द है. नाइट बार में फ़िल्माए गाने में इस तरह का भाव लाना मुश्किल काम है जो आशा भोंसले कर पाईं.” लेजेंडरी गायिका आशा भोसले आगामी 8 सितंबर को अपने 90वां जन्मदिन पर दुबई में होने जा रहे म्यूजिक कंसर्ट में परफॉर्म करने जा रही है।
आशा भोसले 10 वर्ष की उम्र से गा रही है। साल 1945 में आशा भोसले मुंबई आई तब से वह निरंतर गाने गा रही है। आशा भोसले कहती है कि उम्र से भले ही 90 साल की हो गई हैं, लेकिन दिल से 20 साल की ही हैं । यही वजह है कि वह आज तक गा रही हैं । म्यूजिक कंसर्ट में ढाई से तीन घंटे लगातार स्टेज पर परफॉर्म करने से उन्हें थकान नहीं महसूस होती है। मंगलवार को मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आशा भोसले ने खुद को संगीत की दुनिया की दुनिया का आखिरी मुगल बताया और आज के युवाओं के लिए प्रेरणादायक बात कही। लेजेंडरी गायिका आशा भोसले ने अब तक सब भाषाओं में मिलाकर 12,000 गाने गाए हैं। आशा भोसले ने कहा, ‘12000 गीतों को गाने में कितना समय लगा होगा। घर बच्चों को संभालते हुए मैंने कैसे इतने गाए हैं, मुझे सब याद हैं। मुझे सब बातें याद आती हैं। इंडस्ट्री का इतिहास सिर्फ मुझे पता है। बहुत सारे लोग तो मेरे सामने ही पैदा हुए हैं। मैं संगीत की दुनिया की आखिरी मुगल हूं। पिता जी से गाना बचपन में सुना, तभी से गा रही हूं। सोचा नहीं था कि एक दिन प्लेबैक सिंगर बनूंगी। लेकिन जिंदगी में कुछ ऐसा मोड़ आया कि मैं प्लेबैक सिंगर बन गई।’