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डिजिटल भारत l मध्य प्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी के साथ तीनों वितरण कम्पनियों ने बुधवार को वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण याचिका मप्र विद्युत नियामक आयोग में दाखिल की. कंपनी ने 1500 करोड़ रुपए के आय और व्यय के अंतर को खत्म करने के लिए औसत 3.2 प्रतिशत बिजली की दर बढ़ाने का प्रस्ताव दिया है, मध्य प्रदेश में बिजली कंपनी के बिजली दर बढ़ाने के प्रस्ताव पर 23 जनवरी 2023 को जनसुनवाई होगी। मप्र विद्युत नियामक आयोग ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। बिजली याचिका में राज्य सरकार बडे घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देकर मध्यम वर्गीय उपभोक्ताओं की बिजली महंगी करने की तैयारी में है। सरकार 300 से अधिक का स्लैब खत्म करने जा रही है। इस स्लैब वाले उपभोक्ताओं की संख्या करीब पांच लाख है। अब ये 150 से 300 यूनिट की स्लैब में आ जाएंगे। वहीं, 150 से 300 यूनिट की खपत करने वाले करीब 25 लाख से अधिक उपभोक्ताओं को ज्यादा बिजली बिल चुकाना होगा।

प्रदेश में करीब सवा करोड़ उपभोक्ता है, जिनमें से करीब 90 लाख छोटे उपभोक्ताओं को सब्सिड़ी मिलती है।

म.प्र. पॉवर मैनेजमेंट कंपनी ने तीनों विद्युत वितरण कंपनियों की ओर से मप्र विद्युत नियामक आयोग को वर्ष 2023-24 के लिए बिजली दर निर्धारण की टैरिफ पिटीशन सौंपी गई है। कंपनियों ने बिजली दर में औसत 3.20 प्रतिशत वृद्धि का प्रस्ताव रखा है।

आयोग ने इस पर जनसुनवाई के लिए सूचना गुरुवार को जारी कर दी है। पूर्व विद्युत विद्युत वितरण कंपनी जबलपुर में 23 जनवरी, पश्चिम विद्युत वितरण कंपनी इंदौर में 24 और मध्यक्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी भोपाल में 25 जनवरी को जनसुनवाई होगी। जनसुनवाई के बाद मार्च में आयोग नए वित्तीय वर्ष के लिए दर निर्धारित करेगा। ये दरें एक अप्रैल से लागू होने की संभावना है।

आगामी वर्ष के लिए बिजली कंपनियों को सभी मदों से 49,530 करोड़ के राजस्व की जरूरत होगी, लेकिन उसे 47,992 करोड़ रुपए का राजस्व ही प्राप्त हो सकेगा। उसे प्रस्तावित हानि 1,537 करोड़ रुपए की होगी। इस हानि को पूरा करने के लिए बिजली दरों में औसत रूप से 3.20 प्रतिशत वृद्धि करने की अनुमति आयोग से मांगी है।

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