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डिजिटल भारत I चितावद स्थित इंदौर फिजिकल एकेडमी के गणपति हॉस्टल में रहने वाले बच्चों की तबीयत मंगलवार रात अचानक बिगड़ने लगी और उन्हें इलाज के लिए एमवाय अस्पताल में भर्ती कराया गया। पहले यहां पांच बच्चों को इलाज के लिए लाया जाता था, लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 37 हो गई है. जिनमें 23 लड़के और 14 लड़कियां शामिल हैं।

रात को दाल, रोटी और सब्जी खाई
ये सभी बच्चे एक ही एकेडमी में पढ़ते हैं और एक ही हॉस्टल में रहते हैं. इन बच्चों ने रात में दाल, रोटी और सब्जी खाई. शुरुआती जांच में पता चला है कि दूषित भोजन के कारण इन बच्चों की तबीयत बिगड़ी है. हालांकि सभी की हालत अभी भी खतरे से बाहर है.

उनका इलाज कर रहे डॉक्टरों का कहना है कि दूषित पानी के कारण उनकी तबीयत बिगड़ी है, जिसके कारण उन्हें संक्रमण हुआ है. जब वह अस्पताल पहुंचे तो वह उल्टी और दस्त से पीड़ित थे।
इस क्षेत्र में पेट का इन्फेक्शन सामान्य बताया जा रहा है कि पालदा से चितावद के बीच जो नाला बहता है, इसके कारण हमेशा यहां पर दूषित पानी की समस्या बनी रहती है। बारिश के दिनों में यह समस्या काफी बढ़ जाती है। इसके कारण इस क्षेत्र में पेट के इंफेक्शन की समस्या लोगों में बनी रहती है। कई बार रहवासी भूगर्भ जल की जांच करवाने की मांग भी कर चुके हैं।

रहवासियों ने बताया कि तबीयत बिगड़ने के बाद जब भी डॉक्टर के पास जाते हैं तो पानी के कारण इंफेक्शन बताया जाता है। देशभर के आर्मी में जाने वाले बच्चे एमवाय अस्पताल में जो बच्चे अभी भर्ती है। वह इंदौर के साथ ही राजस्थान, उत्तर प्रदेश, आसाम, छत्तीसगढ़, बिहार आदि प्रदेशों के रहने वाले हैं।

यहां आकर आर्मी, पुलिस की फिजिकल परीक्षा की तैयारी करते हैं। यहां इन बच्चों के खानपान पर ध्यान नहीं दिया जाता है। पहले भी इस बच्चों की तबीयत बिगड़ने के मामले सामने आ चुके हैं। बताया जा रहा है कि अभी कुछ दिनों से कर्मचारी के नहीं आने से खाना भी स्वयं बच्चे ही बना रहे थे।

बड़वानी में उल्टी-दस्त का प्रकोप, तीन की मौत, आठ बीमार
हरदा के निकट वनांचल स्थित ग्राम पंचायत बड़वानी के मुख्यालय रहटगांव में दूषित पानी पीने से बड़ी संख्या में ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। तीन लोगों की मौत हो गई है. आठ लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है. उनका इलाज किया जा रहा है. अधिकारियों का यह भी कहना है कि दूषित पानी पीने से ग्रामीण बीमार हुए हैं.

बुधवार सुबह जिला पंचायत सीईओ टिमुरनी और टिमुरनी बीएमओ ने गांव का दौरा किया और पेयजल स्रोतों के आसपास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। ग्राम पंचायत बड़वानी के सरपंच सुनील साठे ने बताया कि गांव में 8 से 15 दिन में तीन मौतें हो चुकी हैं. जिनमें दो महिलाएं और एक वृद्ध शामिल हैं।

बड़वानी में दूषित पानी से उल्टी-दस्त का प्रकोप:
हरदा के निकट वनांचल स्थित ग्राम पंचायत बड़वानी के मुख्यालय रहटगांव में दूषित पानी पीने से बड़ी संख्या में ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। तीन लोगों की मौत हो चुकी है और आठ लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों ने गांव का दौरा कर पेयजल स्रोतों के आसपास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

समस्याओं का समाधान और सावधानी:
इन घटनाओं से यह स्पष्ट है कि दूषित पानी और भोजन के कारण बीमारी का खतरा बहुत अधिक है। प्रशासन को पेयजल और भोजन की गुणवत्ता पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए और नियमित जांच करवानी चाहिए ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों। लोगों को भी स्वच्छता का विशेष ध्यान रखना चाहिए और साफ-सुथरे भोजन और पानी का ही उपयोग करना चाहिए।

बड़वानी में दूषित पानी से उल्टी-दस्त का प्रकोप, तीन की मौत
हरदा के निकट वनांचल स्थित ग्राम पंचायत बड़वानी के मुख्यालय रहटगांव में दूषित पानी पीने से बड़ी संख्या में ग्रामीण उल्टी-दस्त से पीड़ित हैं। तीन लोगों की मौत हो चुकी है और आठ लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है। अधिकारियों ने गांव का दौरा कर पेयजल स्रोतों के आसपास साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने और शुद्ध पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।

स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए सुझाव

1. नियमित जांच:
पेयजल और भोजन की गुणवत्ता की नियमित जांच सुनिश्चित करें।
2. स्वच्छता:
पानी के स्रोतों के आसपास और भोजन बनाने की जगहों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।
3. उबाल कर पानी पिएं:
दूषित पानी से बचने के लिए पानी को उबालकर पिएं।
4. स्वास्थ्य शिक्षा:
रहवासियों को स्वच्छता और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें।
5. सरकारी निगरानी:
प्रशासन को पानी की गुणवत्ता और साफ-सफाई पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
6. पोषण का ध्यान:
बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान दें और उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर आहार दें।
7. तात्कालिक चिकित्सा:
बीमारी के लक्षण दिखने पर तुरंत चिकित्सकीय सलाह लें और उचित उपचार करवाएं।
इन सुझावों पर अमल करने से दूषित पानी और भोजन से होने वाली बीमारियों से बचाव किया जा सकता है।

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