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जबलपुर । बारशि के मौसम में पतंगे कुछ ज्यादा ही नजर आते हैं। बारिश में ये कीट पतंगे रोशनी की वजह से घरों में घुस आते हैं, जो जहां-तहां ट्यूबलाइट और बल्ब पर बैठे रहते हैं। इनकी संख्या इतनी ज्यादा होती है कि लोगों को अपने घरों की बत्तियां बुझाकर रखनी पड़ती है। बारिश के बाद का मौसम इन जीवों के नाम है, क्योंकि हरियाली और कीट-पतंगों का साथ बिलकुल क्लोज फ्रेंड्स जैसा है। पतंगे चांद की रोशनी में अठखेली कर रहे हैं।

सिटीजंस फार नेचर एंड कंसर्वेशन सोसाइटी के डा़ विजय सिंह यादव ने बताया कि 22 से 30 जुलाई के दौरान पूरे विश्व में पंतगा या माथ सप्ताह का आयोजन किया गया है। जिसका उद्देश्य पतंगों के प्रति जागरुकता तथा उनका वैज्ञानिक सर्वेक्षण कर दस्तावेजीकरण किया जाएगा। रात में पतंगो की सक्रीनिंग के लिए लाइट स्क्रीनिंग की जा रही हैं। अभी दो दिनों के सर्वे में शहर में 15 से 20 प्रजाति के पतंगे पाए गए है। अभी तक इनकी बहुत ज्यादा स्टडी और बड़े सर्वे नहीं हुए है, इसलिए प्रजातियां नहीं बताई जा सकती है।

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