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बेरूत: नयी सरकार के गठन की घोषणा के बाद लेबनान के नए प्रधानमंत्री नजीब मिकाती ने विभाजित नेताओं से एक साथ आने का अनुरोध करते हुए शुक्रवार को कहा कि देश के नाटकीय आर्थिक पतन को रोकने के लिये वह हर संभव प्रयास करेंगे। देश के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक मिकाती ने अश्रुपूर्ण नेत्रों के साथ लेबनानी माताओं का जिक्र किया, जो अपने बच्चों को खाना नहीं खिला पातीं। उन्होंने उन छात्रों का भी जिक्र किया, जिनके माता-पिता अब उन्हें स्कूल भेजने का खर्च नहीं उठा सकते। मिकाती ने राष्ट्रपति भवन में नई सरकार की घोषणा के बाद संवाददाताओं से कहा, “स्थिति गंभीर है लेकिन अगर सहयोग मिले तो उससे पार पाना असंभव नहीं है।” इस घोषणा से देश में 13 महीनों से जारी गतिरोध दूर हुआ है। गतिरोध के कारण देश में आर्थिक संकट और गहरा गया था तथा वित्तीय अराजकता जैसे हालात थे। बेरूत बंदरगाह पर चार अगस्त 2020 को हुए विनाशकारी धमाके के बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री हसन दियाब की सरकार को इस्तीफा देना पड़ा था और तबसे देश में कोई सशक्त सरकार नहीं थी। नई सरकार के गठन को लेकर तब से प्रतिद्वंद्वी राजनीतिक समूहों में असहमति बनी हुई थी, जिससे देश में आर्थिक संकट और गहरा रहा था। राष्ट्रपति कार्यालय की तरफ से अरबपति कारोबारी मिकाती के नेतृत्व में 24 सदस्यीय मंत्रिमंडल की घोषणा की गई। बाद में मंत्रिपरिषद के महासचिव महमूद मक्किये ने भी सूची जारी की। मंत्रियों को उन्हीं राजनेताओं ने चुना है, जिन्होंने पिछले दशकों में देश पर शासन किया और उन पर कई लोगों द्वारा भ्रष्टाचार और कुप्रबंधन का आरोप भी लगाया गया, जिसकी वजह से देश में मौजूदा संकट पैदा हुआ। उनमें से कई हालांकि अपने क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं, जिनमें सार्वजनिक अस्पताल के महानिदेशक फिरास अबियाद भी शामिल हैं, जो कोरोनोवायरस के खिलाफ देश की लड़ाई का नेतृत्व कर रहे हैं। महामारी से निपटने में पारदर्शिता के लिए उनकी प्रशंसा भी हुई थी। सेंट्रल बैंक के एक शीर्ष अधिकारी युसूफ खलील को वित्त मंत्री नियुक्त किया गया है और न्यायाधीश बास्सम मालावी को नया आंतरिक मंत्री बनाया गया है।

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