जिले में डेंगू बीमारी के बढ़ते प्रकोप और उससे रोकथाम हेतु साँसद राकेश सिंह ने कलेक्ट्रेट सभागार में जनप्रतिनिधियों एवँ जिले के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।साँसद ने बैठक में कहा कि कोविड जैसी महामारी से हम लड़ रहे है ।और बहुत हद तक इसका प्रभाव कम हुआ है किंतु जबलपुर जिले में डेंगू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है और उससे बचने के लिए जिले के सभी जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को मिलकर कार्य करना होगा साथ ही सबसे महत्वपूर्ण है कि डेंगू के बारे में लोगो को सही जानकारी उपलब्ध हो ताकि इससे बचा जा सके इस हेतु वृहत स्तर पर जनजागरण अभियान चलाना होगा और लोगो को बताना होगा कि किन कारणों से डेंगू होता है साथ ही इससे कैसे बचा जा सकता है। साँसद ने बताया कि अधिकारियों से चर्चा के उपरांत यह सामने आया कि डेंगू के विषय मे लोगो को पूर्ण जानकारी नही होती और जब मरीज के प्लेटेस्ट कम होते है तो उसकी वजह हर बार डेंगू नही होती बल्कि वायरल की वजह से भी प्लेटेस्ट कम होते है और जैसे ही प्लेटेस्ट कम होते है लोगो घबरा जाते जाते है साथ ही प्लेटेस्ट की जो सीमा है वह क्लीनिकली 40 हजार है जिसके बाद चिकित्सक मरीज को प्लेटेस्ट लगाने हेतु बताते है और यह संख्या जब 20 हजार हो जाती है तो उसके बाद ही प्लेटेस्ट लगाया जाना आवश्यक होता है ऐसे में कई बार देखने मे आता है कि जिनके प्लेटेस्ट 40 हजार से अधिक भी होते है तो मरीज और उनके परिजन प्लेटेस्ट लगाने का आग्रह करते है इसीलिए इसकी जागरूकता जरूरी है कि कब प्लेटेस्ट की आवश्यकता है और कब नही।श्री सिंह ने बताया कि डेंगू के परीक्षण हेतु बैठक में तय किया गया कि प्राइवेट पैथोलॉजी लैब वालो की बैठक बुलाई जाए और उनको बताया जाए कि डेंगू के लिए एलाइजा टेस्ट ही किये जायें क्योकि एलाइजा टेस्ट में ही डेंगू के सही लक्षण मिलते है। श्री सिंह ने बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से कहा कि डेंगू के परीक्षण में एलाइजा टेस्ट की किट की कोई कमी नही हों साथ ही जिन मरीजो को प्लेटेस्ट की आवश्यकता है उन्हें तत्काल उपलब्ध हो सके। साँसद श्री सिंह ने नगर निगम के अधिकारियों से भी चर्चा करते हुए कहा कि जिन स्थानों पर डेंगू फैला हुआ है वहाँ तो नियमित दवा का छिड़काव हो ही साथ ही ऐसे स्थान जहाँ इसकी संभावना है उनको भी चिन्हित करें और वहाँ भी सेनेटाइजेशन का कार्य नियमित कराया जाए।साँसद श्री सिंह ने बैठक में कहा कि डेंगू के इलाज और उसकी रोकथाम में किसी भी तरह की लापरवाही न बरती जाए यदि कोई अधिकारी लापरवाही करता है तो प्रदेश शासन द्वारा उस पर कार्यवाही की जाएगी। बैठक में स्वतंत्रता के 75वें वर्ष के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव के आलोक में 164 वर्षों बाद 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में भारत के राज्यो में सर्वप्रथम जबलपुर के गोंडवाना राज्य के प्रथम बलिदानी राजा शंकरशाह एवँ कुँवर रघुनाथ शाह की बलिदान गाथा पर 14 सितम्बर से 18 सितंबर तक विविध कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं इस संबंध में भी दिशा निर्देश दिए गए डेंगू की रोकथाम के लिए प्रशासन और सांसद द्वारा समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया था लेकिन इस बैठक में जनप्रतिनिधियों के नाम पर सांसद राकेश सिंह विधायक अशोक रोहाणी और बरगी विधायक संजय यादव ही पहुंचे थे। जिला डेंगू की चपेट में जकड़ चुका है राजनीतिक पार्टियां और जनप्रतिनिधि आंदोलन तो कर रहे हैं लेकिन समीक्षा बैठक में उनकी अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं वही इस बैठक में पहुंचे बरगी विधायक संजय यादव ने डेंगू संक्रमण जिस तरह पैर पसार रहा है उसे कोविड-19 से ज्यादा घातक करार दिया है उन्होंने कहा सरकार और जिला प्रशासन डेंगू की रोकथाम में पूरी तरह असफल हो गया है।
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