गुजरात में विपक्षी दल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (आप) ने शनिवार को दावा किया कि मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले विजय रूपाणी ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की नाकामियों की कीमत चुकाई है। कांग्रेस ने कहा कि भाजपा केवल मुख्यमंत्री को बदलकर अपनी ‘रिमोट नियंत्रित’ सरकार की विफलता को छिपा नहीं सकती है। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अमित चावडा ने कहा, ‘‘भाजपा ने राज्य सरकार के कुशासन और आपराधिक लापरवाही को छिपाने के लिए विजय रूपाणी का इस्तीफा ले लिया है। सरकार की नाकामी के कारण कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर के दौरान तीन लाख लोगों की मौतें हुईं।’’ उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में किसान आत्महत्या कर रहे हैं और महंगी शिक्षा के बावजूद युवाओं को रोजगार नहीं मिल रहा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोडवाडिया ने कहा कि बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए भाजपा के पास नेतृत्व बदलने के अलावा कोई विकल्प नहीं था। उन्होंने कहा कि सरकार का ‘‘रिमोट कंट्रोल’’ दिल्ली में और प्रदेश भाजपा प्रमुख सी आर पाटिल के हाथों में रहता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि दोनों ‘‘रिमोट कंट्रोल ऑपरेटर’’ नाकाम रहे हैं। राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता परेश धानाणी ने कहा कि रूपाणी की सरकार ‘रिमोट कंट्रोल’ से चल रही थी, लेकिन महंगाई, बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और कोविड-19 महामारी के लिए ‘‘केवल (प्रधानमंत्री) नरेंद्र भाई (मोदी) और (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं।’’ कांग्रेस के नेता हार्दिक पटेल ने कहा, ‘‘मुख्यमंत्री पद से रूपाणी के इस्तीफे से साफ हो गया है कि भाजपा सरकार चलाने में नाकाम रही है। असली बदलाव अगले साल राज्य विधानसभा चुनाव के बाद आएगा, जब जनता भाजपा को सत्ता से बाहर कर देगी।’’ आम आदमी पार्टी के नेता गोपाल इतालिया ने कहा कि रूपाणी के इस्तीफे से भाजपा को कोई मदद नहीं मिलने वाली। उन्होंने कहा, ‘‘क्या भाजपा यह जताने की कोशिश कर रही है कि सरकार की विफलता के कारण लोग जो दर्द झेल रहे हैं, मुख्यमंत्री बदलने के बाद उसे वह भूल जाएंगे? इस्तीफा पिछले 27 वर्षों के भाजपा के कुशासन की नाकामी का प्रतिबिंब है। विजय भाई को बलि का बकरा बनाया गया है।’’
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